पीजीआइ के डॉक्टर बोले- कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद न करें रक्तदान, रखें 28 दिन का अंतराल
पीजीआइ के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के हेड प्रो. रति राम शर्मा ने कहा कि टीकाकरण करवाने के बाद रक्तदान के लिए 28 दिन का अंतराल रखना चाहिए। इसके बाद लोग रक्तदान कर सकते हैं। टीकाकरण कराने के तुरंत बाद रक्तदान कराने से स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत पैदा हो सकती हैं।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। पीजीआइ ने कोरोना टीकाकरण करवा रहे लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। जो लोग कोरोना टीकाकरण करा रहे हैं, वे टीकाकरण करवाने के तुरंत बाद रक्तदान न रकें। पीजीआइ के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के हेड प्रो. रति राम शर्मा ने कहा कि टीकाकरण करवाने के बाद रक्तदान के लिए 28 दिन का अंतराल रखना चाहिए। इसके बाद लोग रक्तदान कर सकते हैं। टीकाकरण कराने के तुरंत बाद रक्तदान कराने से स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत पैदा हो सकती हैं। यहां तक कि ये कदम जानलेवा भी साबित हो सकता है।
पीजीआइ में अब हर रोज लगेगा रक्तदान शिविर
प्रो. रति राम शर्मा ने बताया कि पीजीआइ में अब हर रोज रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। 18 से 65 साल की उम्र का कोई भी व्यक्ति पीजीआइ के एडवांस ट्रामा सेंटर के ब्लड डोनेशन सेंटर के रूम नंबर 107 में सुबह नौ से शाम पांच बजे तक रक्तदान कर सकता है। ये रक्तदान शिविर शनिवार और रविवार के अलावा सरकारी अवकाश वाले दिन भी लगेगा। पीजीआइ में इस समय थैलेसिमिया, हीमोफिलिया, गर्भवती महिलाओं और कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए ब्लड यूनिट की दिक्कत पेश आ रही है। ऐसे में ये रक्तदान शिविर अब हर रोज लगेगा।
पीजीआइ के रेडियोलॉजी विभाग ने शुरु की ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट
पीजीआइ के रेडियोलॉजी विभाग ने मरीजों के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट की सुविधा शुरू की है ताकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण की चपेट में मरीज न आ सकें। मरीजों को अब तक ओपीडी में दिखाने के लिए पीजीआइ आकर अप्वाइंटमेंट लेनी पड़ती थी। लेकिन अब मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। विभाग के एचओडी प्रो. एमएस संधू ने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग में डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीजों को हेल्पलाइन नंबर-7087007893 पर कॉल करना होगा। इस हेल्पलाइन नंबर पर मरीज सुबह 8 से 11.30 बजे के बीच संपर्क कर डॉक्टर को अपनी समस्या बता सकते हैं। इसके बाद मरीजों को सुबह 11.30 से दोपहर 2.30 बजे तक के बीच की अप्वाइंटमेंट दी जाएगी। शनिवार को सुबह 11.30 से दोपहर 1.30 बजे तक मरीजों को देखा जाएगा।