चंडीगढ़ में सिगरेट एवं तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट में संशोधन का विरोध, उद्योग को बचाने की उठाई मांग
चंडीगढ़ में सिगरेट एवं तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) में संशोधन को लेकर इस कार्य से जुड़े लोगों ने विरोध दर्ज किया है। सोमवार को चंडीगढ़ में फुटपाथ साइकिल रेहड़ी-फड़ी संगठन ने इस एक्ट में किए संशोधन का विरोध जताया।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिगरेट एवं तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) में किया गया संशोधन इस कार्य से जुड़े लोगों को रास नहीं आ रहा है। सोमवार को चंडीगढ़ में फुटपाथ साइकिल, रेहड़ी-फड़ी संगठन ने इस एक्ट में किए संशोधन का विरोध जताया। कानून संशोधन के विरोध में चंडीगढ़ के कारोबारी भी शामिल हुए। यूनियन के पदाधिकारियों ने पंजाब के मुख्यमंत्री और आप से भी कानून का विरोध करने का आग्रह किया है।
यूनियन के प्रधान राममिलन गौड़ और महासचिव रामपाल ने पत्र लिखकर इस उद्योग को बचाने की मांग की है, ताकि सैकड़ों लोगों का रोजगार चलता रहे। सरकार ने एक्ट में संशोधन से पहले उद्योग से जुड़े लोगों से बात तक नहीं की। कुटीर उद्योग को बंद कर सरकार मशीनी उद्योग को बढ़ावा देना चाह रही है। बीड़ी को भी गुटखा और सिगरेट की तर्ज पर लिया जा रहा है। जबकि बीड़ी पूरी तरह से मानव श्रम से ही तैयार होती है। संशोधित एक्ट को लागू करने से पहले दो माह तक इस पर रोक लगाकर सुझाव लिए जाएं, फिर उसी अनुरूप बदलाव किया जाए।
नए नियम अनुसार बीड़ी के बंडल पर 90 फीसद हिस्से में चेतावनी लिखनी होगी और इस पर लेबल नहीं होगा। सवाल यह उठता है कि फिर बीड़ी की ब्रांडिंग कैसे होगी। ग्राहक पसंद की बीड़ी कैसे खरीद पाएगा। बीड़ी सिगरेट जैसे उत्पाद खरीदने के लिए उम्र सीमा 18 है। इसे भी बढ़ाकर 21 किया जा रहा है।
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