चंडीगढ़ की संस्था की प्रेरणादायक पहल, उठाएगी कोरोना से जान गंवाने वाले गरीब की बेटियों की शिक्षा का खर्च

प्रेम गर्ग ने कहा कि चंडीगढ़ और पंचकूला में कोरोना के कारण जिन गरीब लड़कियों के सिर से पिता का साया उठ गया है। उनकी स्कूल फीस देने में समस्या है तो उनकी पढ़ाई का खर्च माई ट्री फाउंडेशन उठाएगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 01:20 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 01:20 PM (IST)
चंडीगढ़ की संस्था की प्रेरणादायक पहल, उठाएगी कोरोना से जान गंवाने वाले गरीब की बेटियों की शिक्षा का खर्च
चंडीगढ़ के माई ट्री फाउंडेशन के संयोजक प्रेम गर्ग की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। ट्राईसिटी में कोरोना संक्रमण के कारण कई गरीब और जरूरतमंद लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गरीबों के लिए रोजी-रोटी तक मुश्किल हो गई है। ऐसे में कोरोना से जान गंवाने वाले गरीब की बेटियों की शिक्षा के लिए शहर की माई ट्री फाउंडेशन ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। फाउंडेशन उनकी शिक्षा का खर्च उठाएगी। फाउंडेशन के संयोजक प्रेम गर्ग ने कहा कि प्रशासन को भी ऐसे बच्चों की सूची तैयार करके उनकी मदद करनी चाहिए। 

प्रेम गर्ग ने कहा कि चंडीगढ़ और पंचकूला में कोरोना के कारण जिन गरीब लड़कियों के सिर से पिता का साया उठ गया है, अगर उनकी स्कूल फीस देने की समस्या है तो उनके नाम उन्हें भेज दिए जाएं। ऐसे बच्चों की पढ़ाई के खर्च का इंतजाम माई ट्री फाउंडेशन या उनके जानकार दोस्तों से करवा दिया जाएगा। उनका कहना है कि जितना भी संभव भी होगा, उतना प्रयास किया जाएगा। गर्ग का कहना है कि पहले फेज में दस बेटियों का जिम्मा आज से ही वह लेने के लिए तैयार हैं।

प्रेम गर्ग ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि जिन बेटियों के पिता की मौत हो चुकी है, उन्हें मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया जाना चाहिए। मालूम हो कि गर्ग खुद भी दो बार कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। फाउडेंशन की ओर से कोरोना मरीजों के लिए निःशुल्क खाने के टिफिन की सर्विस भी चलाई जा रही है। गर्ग का मोबाइल नंबर 9872420001 है।

पिछले सप्ताह एक मामला भी किया था उजागर

पिछले सप्ताह प्रेम गर्ग ने एक विधवा महिला की बेटी के मामले को उजागर किया था। महिला को बच्ची की स्कूल फीस माफ करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। गर्ग ने बताया कि चंडीगढ़ की रुखसाना (32) की शादी साल 2006 में हुई थी। वर्ष 2010 में सड़क दुर्घटना में उसके पति की जान चली गई। रुखसाना की एक बेटी है। पति के देहांत के बाद वह बेटी के साथ मायके में भाई और मां के पास रह रही है। रुखसाना की बेटी चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित एक निजी स्कूल में राइट-टू-एजुकेशन एक्ट के तहत पढ़ रही है। बेटी की शिक्षा नियम के मुताबिक आठवीं कक्षा तक निःशुल्क थी। नौंवी कक्षा में उससे फीस के लिए कहा जा रहा है। स्कूल में एक महीने की फीस 4720 रुपये है। स्कूल की तरफ से तीन महीने की फीस ली जानी है, जो कि करीब 15000 रुपये बन रही है। परिवार में कमाई का कोई साधन न होने की वजह से वो स्कूल फीस देने में असमर्थ हैं।

उन्होंने ने रुखसाना ओर उसकी बेटी के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया। प्रेम गर्ग बेटी ने आधी फीस देने की पेशकश की है। बावजूद स्कूल की तरफ से आधी फीस माफ नहीं की जा रही है। प्रेम गर्ग ने चंडीगढ़ प्रशासन को कहा कि प्रशासन फिजूलखर्च के काम करवा रहा है लेकिन एक बेटी को शिक्षा देने में नाकाम साबित हो रहा है। गर्ग का कहना है कि यह कैसी व्यवस्था है जिसमें एक पिता विहीन बेटी को अपनी पढ़ाई के लिए भीख मांगनी पड़ रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि वो सभी बेटियों जिनके पिता नहीं है उन्हों मुफ्त शिक्षा देने का हरसंभव प्रयास करें।

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