तनाव से बचने के लिए रोज करें शशांकासन, आंत, अस्थमा, मधुमेह और दिल संबंधी बीमारियों के लिए भी रामबाण

चंडीगढ़ में गवर्नमेंट योग एजुकेशन एंड हेल्थ कॉलेज-23 के योगाचार्य रोशन लाल बताते हैं कि शशांकासन को शिशुआसन भी कहते हैं इस आसन को करने से आपको बेहद शांति मिलती है। इस आसन को करने से हमारे दिमाग में आक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 01:59 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 02:04 PM (IST)
तनाव से बचने के लिए रोज करें शशांकासन, आंत, अस्थमा, मधुमेह और दिल संबंधी बीमारियों के लिए भी रामबाण
मानसिक तनाव को कम करने के लिए शशांकासन रामबाण है।

चंडीगढ़, जेएनएन। मानसिक तनाव को कम करने के लिए शशांकासन रामबाण है। गवर्नमेंट योग एजुकेशन एंड हेल्थ कॉलेज-23 के योगाचार्य रोशन लाल बताते हैं कि शशांकासन को शिशुआसन भी कहते हैं, इस आसन को करने से आपको बेहद शांति मिलती है। इस आसन को करने से हमारे दिमाग में आक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है। इसके अलावा इस आसन करने से  आंत, अस्थमा, मधुमेह और दिल संबंधी बीमारियों से निजात दिलाता है।

शशांकासन करने की विधि -

-आप पद्मासन में बैठ जाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधी रखें।

-दोनों घुटनों को दूर-दूर फैलाएं।

-दोनों बांहें सिर के ऊपर उठाएं। बांहों को कंधे की चौड़ाई जितनी दूरी पर रखें।

-सांस छोड़ते हुए और बांहें सीधी रखते हुए कमर से आगे की ओर झुकें।

-ध्यान रहे आपके ठोड़ी और बांहें फर्श पर टिकी होनी चाहिए और सामने की और देखने की कोशिश करें।

-अपने हिसाब से इस अवस्था को धारण करें।

-सांस लेते हुए धीरे धीरे आरंभिक अवस्था में आ जाएं।

-यह एक चक्र हुआ।

-इसी तरह से आप 3 से 5 चक्र कर सकते हैं।

शशांकासन करते समय इन सावधानियों का रखें ध्यान

-पीठ दर्द से पीड़ित व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।

-हाई ब्‍लड प्रेशर संबंधी समस्‍या होने पर इस योगाभ्यास को न करें।

-पेट या सिर संबंधी समस्या होने पर यह योग नहीं करना चाहिए।

-हर्निया मरीजों को भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।

शशांकासन के लाभ

-तनाव को कम करने में सहायक।

-फेफड़ों संबंधी रोगों के लिए रामबाण ।

-पेट संबंधी दिक्कतों को दूर करता है।

-यौन विकारों के इलाज में मददगार।

-दिल संबंधी बीमारियों के लिए उपयोगी।

-मन को शांत करता है।

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