Chandigarh: बेकरी स्टार्टअप के लिए काम की खबर, बिना इनवेस्टमेंट के भी मार्केट में ला सकेंगे अपना प्रोडक्ट

चंडीगढ़ में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर ने इसके लिए गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगे हैं। प्राइम मिनिस्टर फार्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) स्कीम के तहत बेकरी प्रोडक्ट्स में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट तैयार करने की घोषणा की थी।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 04:50 PM (IST)
Chandigarh: बेकरी स्टार्टअप के लिए काम की खबर, बिना इनवेस्टमेंट के भी मार्केट में ला सकेंगे अपना प्रोडक्ट
चंडीगढ़ में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। अगर आप कोई बेकरी से जुड़ा स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं और इसके लिए कैपिटल इनवेस्टमेंट आड़े आ रही है। मैन्युफेक्चरिंग यूनिट स्टार्ट करने के लिए बिल्डिंग नहीं है। इसकी मशीनरी की दिक्कत है तो अब आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। आपको अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड की मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट बिना किसी इनवेस्टमेंट के मिलेगी। इसमें प्राइमरी लेवल से अंतिम स्टेज तक की सभी सुविधाएं होंगी। आपको केवल रॉ मैटीरियल लाना होगा। प्रोडक्ट यहीं तैयार हो जाएगा।

चंडीगढ़ में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर ने इसके लिए गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगे हैं। प्राइम मिनिस्टर फार्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) स्कीम के तहत बेकरी प्रोडक्ट्स में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट तैयार करने की घोषणा की गई थी। उसी के तहत मैन्यूफेक्चरिंग प्रोसेसिंग के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को इनक्यूबेशन फेसिलिटी उपलब्ध कराने के लिए यह सेंटर बनेगा। डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज ऑफिस में इसके लिए गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट 31 अगस्त तक एप्लीकेशन जमा करा सकते हैं। यह सेंटर सात हजार स्क्वेयर फिट एरिया में डेवलप होगा। यहां कोई भी स्टार्टअप अपना प्रोडक्ट तैयार कर सकेगा।

सेंटर में ट्रेनिंग भी मिलेगी

माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज को इस स्कीम के तहत दो लाख रुपये की क्रेडिट सपोर्ट दी जाएगी। यह सभी यूनिट बिना किसी कैपिटल इनवेस्टमेंट यानी बिल्डिंग या इंडस्ट्री यूनिट के अपने प्रोडक्ट की मैन्यूफेक्चरिंग कर सकेंगे। यह सेंटर इन्हें ट्रेनिंग भी देंगे। यह सेंटर रॉ मैटीरियल को फाइनल प्रोडक्ट तैयार करने में मदद करेंगे। इस सेंटर में प्राइमरी, सेकेंडरी, टेरीटरी प्रोसेसिंग ऑक्सीलरी यूनिट सेटअप की जाएंगी। इससे नया स्टार्टअप या काम करने वालों को कोई कैपिटल इनवेस्टमेंट नहीं करनी पड़ेगी। वह इस सेंटर से ही अपना प्रोडक्ट तैयार कर सकेंगे।

सेंटर में ऐसे होगा काम प्राइमरी प्रोसेसिंग फेसिलिटी जैसे रॉ मैटीरियल से तैयार माल की क्लीनिंग, ग्रेडिंग और पैकेजिंग सेकेंडरी प्रोसेसिंग फेसिलटी जैसे मिलिंग, फ्लेकिंग, मिनिमल प्रोसेसिंग, थर्मल प्रोससिंग टेरिटरी प्रोसेसिंग जैसे रेडी टू ईट, रेडी टू सर्व, रेडी टू कुक कोल्ड स्टोरेज जिसमें फ्रैश और तैयार माल रखा जा सकेगा री-पैकेजिंग फूड

इंस्टीट्यूट को होगी फंडिंग

इनक्यूबेशन सेंटर के लिए चयनित इंस्टीट्यूट को केंद्र सरकार फंडिंग करेगी। सेंटर में तीन से पांच प्रोसेसिंग लाइंस बनानी होंगी। दिन में इससे एक से दो टन माल तैयार करने की क्षमता रखनी होगी। इसमें प्राइमरी, सेकेंडरी, टेरेटरी, प्रोसेसिंग, स्टोरेज पैकेज के लिए दो करोड़ रुपये का फंड मिलेगा।जबकि बिल्डिंग की रेनोवेशन, फ्लोरिंग, बायलर्स, आरओ प्लांट और ईटीपी के लिए पांच लाख अलग से मिलेंगे। फूड टेस्टिंग लैब 2.5 लाख रुपये से तैयार होगी। पूरे प्रोजेक्ट पर 2.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 100 फीसद फंडिंग पीएमएफएमई स्कीम से ही होगी।

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