क्रॉस कंट्री रेस के गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं चंडीगढ़ के नए एडवाइजर धर्म पाल, जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें

शहर के नए एडवाइजर आईएएस धर्म पाल बुधवार को ज्वाइन करेंगे। रवानगी से पहले उन्होंने दैनिक जागरण से खास बातचीत में चंडीगढ़ से जुड़ी यादें साझा कर उन्हें ताजा किया। एडवाइजर धर्म पाल ने बताया कि चंडीगढ़ उनके लिए नया शहर नहीं है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:44 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 12:03 PM (IST)
क्रॉस कंट्री रेस के गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं चंडीगढ़ के नए एडवाइजर धर्म पाल, जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें
चंडीगढ़ के नए एडवाइजर आईएएस धर्म पाल बुधवार को ज्वाइन करेंगे।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के नए एडवाइजर आईएएस धर्म पाल बुधवार को ज्वाइन करेंगे। रवानगी से पहले उन्होंने दैनिक जागरण से खास बातचीत में चंडीगढ़ से जुड़ी यादें साझा कर उन्हें ताजा किया। एडवाइजर धर्म पाल ने बताया कि चंडीगढ़ उनके लिए नया शहर नहीं है। यहां जीवन के अहम साल बिताए हैं। पेक में पढ़ाई के दौरान लंबा समय हॉस्टल में बीता। हॉस्टल के उन दिनों को वह अब भी याद करते हैं।

पेक में पढ़ाई के साथ वह दूसरी गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। वह क्रॉस कंट्री रेस के 10 और 5 किलोमीटर इवेंट में वह गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। चंडीगढ़ की सड़कों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए कार्यकाल के दौरान उनका मुख्य फोकस हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर करने पर रहेगा। एजुकेशन और डेवलपमेंट वर्क पर भी जोर देंगे। प्रशासनिक लंबा अनुभव होने की वजह से हर चुनौती से पार पाना उन्हें आता है। वह चंडीगढ़ के हर हिस्से से वाकिफ हैं। चंडीगढ़ में पहले से इंफ्रास्ट्रक्चर काफी अच्छा है। लेकिन जो कमियां हैं वह उन्हें पूरा करेंगे।

धर्म पाल अभी मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स में एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर कार्यरत हैं। 31 जुलाई 2017 से वह इसी पद पर हैं। मौजूदा एडवाइजर मनोज परिदा का चार दिन पहले ही ट्रांसफर हुआ है। वह दिल्ली में नेशनल अथोरिटी ऑफ केमिकल वेपंस कन्वेंशन के चेयरमैन का कार्यभार संभालेंगे। मंगलवार को परिदा चंडीगढ़ से रिलीव हो जाएंगे।

पेक से की इंजीनियरिंग

धर्म पाल पेक के एल्युमनी हैं। 1981-85 बैच में उन्होंने पेक से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन में बेचुलर ऑफ इंजीनियरिंग की। इस दौरान वह पेक के हॉस्टल में रहे हैं। आईआईटी दिल्ली से एमटेक की। आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजिंग इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी का कोर्स किया।

नवांशहर बंगा के हैं नए एडवाइजर

एडवाइजर धर्म पाल मूल रूप से नवांशहर बंगा के गांव खमैंचो से संबंध रखते हैं। हालांकि उनकी चंडीगढ़ में यह पहली ज्वाइनिंग है। लोकल होने की वजह से चंडीगढ़ को उनके अनुभव का फायदा मिलेगा। वह लंबे समय तक चंडीगढ़ में रहे हैं। इसलिए शहर को समझने में उन्हें ज्यादा देर नहीं लगेगी।

यह मिल चुके अवॉर्ड

राष्ट्रपति से डिजिटल इंडिया अवॉर्ड-2020 मिला

सुनामी के बाद बचाव एंव राहत कार्यों में इनोवेटिव एप्रोच के लिए नेशनल ई-गवर्नेंस अवॉर्ड-2007 मिला

स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड-2019

डिजिटल ट्रांसफार्मेशन अवॉर्ड-2019

चुनौतियां भी कम नहीं

चंडीगढ़ में एडवाइजर का पद कांटों की सेज है। सत्ता पक्ष, विपक्षी दल और प्रशासक तीनों से तालमेल साधकर काम करना पड़ता है। मनोज परिदा सहित पिछले तीन एडवाइजर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। दो एडवाइजर के ट्रांसफर भाजपा नेताओं से बिगड़ने की वजह से हो गई। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा की राजधानी होने से दोनों राज्यों का तालमेल न बिगड़े यह भी देखना होगा। पंजाब के होने की वजह से पंजाब सरकार का दबाव भी उन पर रह सकता है। चंडीगढ़ के कई बड़े प्रोजेक्ट और पुरानी फाइलें गृह मंत्रालय के पास अटकी हैं। प्रापर्टी लीज टू फ्री होल्ड, मिसयूज वॉयलेशन की पेनल्टी के रेट, यूटी सेल्फ फाइनेंसिंग इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम, सीएचबी हाउसेज की नीड बेस्ड चेंज, फ्लाईओवर का मुद्दा और कई ऐसे मामले हैं जो वर्षों से उलझे हैं। एडवाइजर धर्म पाल के सामने इन्हें सुलझाना चुनौती से कम नहीं है।

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