चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: शिअद- बसपा गठबंधन से कांग्रेस-भाजपा को नुकसान, परिणाम बताएंगे कौन कितना पानी में
साल 1996 से अब तक हुए नगर निगम चुनाव में अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ता आया है। कृषि कानूनों के बाद दोनों दलों में गठबंधन टूटने के बाद चंडीगढ़ में भी अकाली दल ने भाजपा से किनारा कर लिया था।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। शिरोमणी अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दोनों मिलकर नगर निगम चुनाव लड़ेंगे। दोनों दलों के बीच गठबंधन हो चुका है। ऐसे में शिअद-बसपा के गठबंधन से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। इसकी बड़ी वजह यह है कि शिअद का सिख वोट और ग्रामीण मतदाताओं में जनाधार है, जबकि बसपा का कॉलोनी और आरक्षित वर्ग के वोटर्स में जनाधार है।
वहीं, कांग्रेस और भाजपा नेताओं का मानना है कि उन्हें इसका नुकसान नहीं है। दिसंबर में होने वाले नगर निगम चुनाव के परिणाम ही बताएंगे कि किसे फायदा हुआ और किसे नुकसान हुआ। इनके अलावा इस बार आम आदमी पार्टी (आप) और शिव सेना भी चुनाव मैदान में है। जबकि एनवायरमेंट ग्रुप ने भी अपने उम्मीदवार घोषित करने का एलान किया है। इस बार वार्ड की संख्या भी बढ़ गइ है। इस बार 35 वार्डों के लिए चुनाव होना है। इसलिए संभावना है कि इस बार काफी ज्यादा उम्मीदवार खड़े होंगे, इतने आजतक खड़े नहीं हुए थे। पहली बार नगर निगम चुनाव में 500 उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे।
शिअद और बसपा कई वार्ड में बिल्कुल भी जीतने से कोसों दूर हैं, लेकिन फिर भी वह हर जगह उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। साल 1996 से अब तक हुए नगर निगम चुनाव में अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ता आया है। कृषि कानूनों के बाद दोनों दलों में गठबंधन टूटने के बाद चंडीगढ़ में भी अकाली दल ने भाजपा से किनारा कर लिया था। पहली बार सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े करके अकाली दल को फायदा है। जहां वह सिर्फ चार वार्ड के लिए सीमित रह जाती थी अब वह भी अन्य दलों की तरह अपना संगठन को मजबूत करेगी।
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष हरदीप सिंह बुटरेला ने बताया कि गठबंधन सभी 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। जिनमें 19 सीटों पर अकाली दल अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगा जबकि 16 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। इस समय नगर निगम में अकाली दल का सिर्फ एक ही पार्षद है। पार्षद हरदीप सिंह ही शिअद चंडीगढ़ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के लोग भाजपा और कांग्रेस पार्टी की कारगुजारी पिछले कुछ वर्षों में देख ही चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह चल रही है और भाजपा की किसान-मजदूर अन्य लोग विरोधी नीतियों से लोग तंग आ चुके हैं। बुटेरला और कंबोज ने कहा कि नगर निगम चुनाव में चंडीगढ़ के इस बार नया बदल देखना चाहते हैं जिस के मद्देनजर शिअद बसपा गठबंधन सभी वार्डों में चुनाव लड़ने की घोषणा की है, ताकि नगर निगम में अकाली-बसपा गठबंधन का परचम लहराया जा सके।