Property Tax: चंडीगढ़ नगर निगम की सख्ती, एक हजार डिफाल्टरों को भेजा टैक्स जमा करवाने का नोटिस

Property Tax अप्रैल से जून माह तक चंडीगढ़ नगर निगम ने सेल्फ असेसमेंट स्कीम चलाई थी। इसके तहत हाउस टैक्स जमा करवाने पर 20 और प्रापर्टी टैक्स जमा करवाने वालों को 20 फीसद की छूट दी गई थी।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:36 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:36 AM (IST)
Property Tax: चंडीगढ़ नगर निगम की सख्ती, एक हजार डिफाल्टरों को भेजा टैक्स जमा करवाने का नोटिस
चंडीगढ़ नगर निगम ने डिफाल्टराें काे भेजे नाेटिस। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Property Tax: नगर निगम ने एक हजार ऐसे डिफल्टर लोगों को नोटिस भेजा है जिन्होंने अभी तक अपनी इमारत का प्रापर्टी और हाउस टैक्स जमा नहीं करवाया है। हालांक नगर निगम चालू वित्तीय सत्र के लिए अब तक 45 करोड़ रुपये की कमाई टैक्स से कर चुकी है।मालूम हो कि नगर निगम के पास इमारत को सील करने का भी प्रावधान है। नगर निगम के अनुसार अगले दिनों सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

अप्रैल से जून माह तक नगर निगम ने सेल्फ असेसमेंट स्कीम चलाई थी। इसके तहत हाउस टैक्स जमा करवाने पर 20 और प्रापर्टी टैक्स जमा करवाने वालों को 20 फीसद की छूट दी थी।इन तीन माह में नगर निगम ने 36 करोड़ 6 लाख रुपये की कमाई की थी।नगर निगम के अनुसार कुल एक लाख 20 हजार टैक्स पेयर है जिनमे से 80 हजार लोग अब तक टैक्स जमा करवा चुके हैं। अब जिन लोगों से टैक्स लिया जा रहा है उनसे 25 फीसद जुर्मानें के अलावा 12 फीसद का ब्याज भी लिया जा रहा है। नगर निगम का इस सत्र में 55 करोड़ रुपये की कमाई करने का टारगेट रखा गया है।

55 गज से ऊपर के मकान पर लगता है टैक्स

शहर में 55 गज से ऊपर के मकान में रहने वालों पर हाउस टैक्स लगता है। शहर में एक लाख से ज्यादा इमारतें है जो कि प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स के अंर्तगत आती है। शहर में 26 हजार कामर्शियल और 70 हजार रिहायशी इमारतें है, जिन पर टैक्स लगता है। नगर निगम की ओर से जारी नोटिस के अनुसार जो लोग 31 मई तक हाउस टैक्स जमा नहीं करवाएंगे उनसे स्कीम का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 25 प्रतिशत अतिरिक्त हाउस और प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाएगा। जबकि 12 प्रतिशत ब्याज भी अलग से चार्ज किया जाएगा।

नगर निगम की ओर से शहरवासियों को उनकी इमारतों के टैक्स का एडवांस बिल भी भेज गया है। सरकारी मकान में रहने वालों के लिए राहत है। सरकारी मकानों का सर्विस चार्ज प्रशासन जमा करवाता है। ऐसे में इन घरों में रहने वाले कर्मचारियों पर इसका बोझ नहीं पड़ता है। सर्विस चार्ज का रेट हाउस टैक्स के मुकाबले में 75 प्रतिशत तय किया गया है। इसके अनुसार 1.50 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से सर्विस चार्ज लिया जाता है।

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