चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: शराब के ठेके होंगे गुलजार, कुई गुना बढ़ेगी सेल, पुलिस ने बनाई टीमें

दिवाली के दौरान शराब की बिक्री दोगुनी हो गई थी जबकि शादी ब्याह के दौरान शराब की खपत में तीस फीसद का इजाफा हुआ था। इसका कारण यह है कि चंडीगढ़ से सटे इलाकों में भी शराब चंडीगढ़ से ही मंगवाई जाती है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 11:19 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 11:19 AM (IST)
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: शराब के ठेके होंगे गुलजार, कुई गुना बढ़ेगी सेल, पुलिस ने बनाई टीमें
ज्यादातर शराब की खपत कॉलोनी और गांव से जुड़ी सीटों पर होती है। सांकेतिक चित्र

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार शुरू हो गया है। इसके साथ ही शहर के शराब के ठेके एकबार फिर गुलजार होने लग गए हैं। निगम चुनाव पर चाहे देसी हो या अंग्रेजी, अच्छी सेल की उम्मीद तो सभी ठेके वाले लगाए बैठे हैं। यही कारण है कि ठेकों में माल ठसाठस भरा जा रहा है। अधिकतर उम्मीदवारों का खर्चा शराब पर ज्यादा होता है। उम्मीद है कि दस दिसंबर के बाद हर दिन शराब की सेल शहर में दो करोड़ से ऊपर होने शुरू हो जाएगी।

इस बार चंडीगढ़ में कुल 35 वार्ड हैं। दिवाली के दौरान शराब की बिक्री दोगुनी हो गई थी जबकि शादी ब्याह के दौरान शराब की खपत में तीस फीसद का इजाफा हुआ था। इसका कारण यह है कि चंडीगढ़ से सटे इलाकों में भी शराब चंडीगढ़ से ही मंगाई जाती है। चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार का चुनावी खर्चा पांच लाख रुपये तय किया है।

आबकारी विभाग और पुलिस ने चुनाव में शराब बांटने वालों पर नजर रखने के लिए टीमों का गठन किया है, बावजूद शराब बंटने का सिलसिला जारी रहेगा। जबकि इस बार कई उम्मीदवारों ने राशन बांटने की भी प्लानिंग की है। ऐसा करके वह कॉलोनियों में महिला मतदातओं को लुभाना चाह रहे हैं। पुलिस की तरफ से अगले दिनों में इस संबंध में नाके भी लगाए जाएंगे। हर वार्ड में छह से दस उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में आने वाले 20 दिन में करोड़ाें रुपये का खर्चा होगा।

ज्यादातर शराब की खपत कॉलोनी और गांव से जुड़ी सीटों पर होती है। इस समय चुनाव प्रचार के दौरान ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए लोगों को भी प्रतिदिन के हिसाब से रुपये दिए जा रहे हैं। एक व्यक्ति को चुनाव प्रचार के दौरान काम करने के लिए एक हजार रुपये का भुगतान किया जाता है। मतदान से दो दिन पहले शराब के ठेके बंद हो जाएंगे ऐसे में उम्मीदवार उन दो दिन के लिए शराब की पेटियां स्टोर करके रखेगा। हर ठेके में शराब की सेल कई गुना बढ़ जाएगी। जबकि चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार एक दूसरे के शराब के स्टॉक की सूचना पुलिस का देंगे।

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