चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: सीएचबी रेजिडेंट्स की अनोखी मांग, जो उम्मीदवार धरना देगा उसे मिलेगा वोट
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में शहरवासी अपनी समस्याओं और मुद्दों को चुनावी दहलीज पर ले आए हैं। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के रेजिडेंट्स ने अनोखी मांग रखी है कि वह उसी उम्मीदवार को वोट देंगे जो उनके साथ धरने में शामिल होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के रेजिडेंट्स अपने मकानों को बचाने की लड़ाई चुनावी दहलीज पर ले आए हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि इस चुनाव में वह किसी के झांसे में नहीं आएंगे। वोट तभी दिया जाएगा जब उम्मीदवार उनकी महापंचायत में उनका समर्थन करेगा। उनके साथ आकर धरने पर बैठना होगा। महापंचायत में 20 हजार से अधिक रेजिडेंट्स जुटने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद रेजिडेंट्स महारैली करने की तैयारी भी कर चुके हैं।
रेजिडेंट्स ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी राजनीतिक दल को देखकर वोट नहीं करेंगे। इस बार कैंडीडेट का कैरेक्टर पर्सनेल्टी देखकर वोट दिया जाएगा। सीएचबी रेजिडेंट्स वेलफेयर फेडरेशन के चेयरमैन निर्मल दत्त ने बताया कि नगर निगम चुनाव नजदीक हैं। फेडरेशन ने सेक्टर फेडरेशन कमेटी काे सुझाव दिया है कि वह चुनाव में वोट किसी पार्टी को देखकर नहीं बल्कि पर्सनेल्टी पर फोकस कर दें। उन्हीं कैंडीडेट को वोट दें जो चुनाव जीतने के बाद उनके नीड बेस्ड चेंज को दिल्ली की तर्ज पर मंजूरी दिलाने में मदद करे। महापंचायत में सहयोग करे। चुनाव के बाद वह महापंचायत का आयोजन करने जा रहे हैं। नगर निगम को पावरफुल बनाने के लिए नया सिस्टम मेयर इन काउंसिल शुरू होना चाहिए। कांट्रेक्ट्स में कमीशनखोरी का खेल बंद करने के लिए पब्लिक ऑडिट सिस्टम लागू होना चाहिए। इसमें काम से पहले और होने के बाद देखा जाए कि आखिर पैसा सही खर्च हुआ या नहीं।
यह है दिल्ली बेस्ड सॉल्यूशन
इस सॉल्यूशन में फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) बढ़ाया गया, जिससे कवर्ड एरिया लगभग दोगुणा हो गया। इस एरिया में आने वाली कंस्ट्रक्शन को रेगुलराइज्ड किया गया।
वन टाइम चार्ज लिया
एफएआर से बाहर जितनी भी कंस्ट्रक्शन थी इसका वन टाइम चार्ज ले लिया गया। इस कंस्ट्रक्शन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई बिना इस अतिरिक्त कंस्टक्शन को रेगुलराइज किए।
अतिक्रमण का भी चार्ज ले लिया गया
प्लाट एरिया से बाहर जिस एरिया पर अतिक्रमण था उसका भी वन टाइम चार्ज लिया गया। इस अतिरिक्त निर्माण के इस्तेमाल को भी मंजूरी दी गई थी हालांकि इसे रेगुलराइज्ड नहीं किया गया था।
स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट लिया गया
दिल्ली सॉल्यूशन को लागू करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज अलॉटी से लिए गए। इसमें बिल्डिंग ऑनरशिप का सुबूत लिया गया। मौजूदा बिल्डिंग प्लान की तीन कॉपी ली गई। रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट से स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट लिया गया। यह शपथ पत्र भी लिया गया कि बिल्डिंग पर कोई कोर्ट केस लंबित नहीं है।