Chandigarh MC House Meeting: खूब होगा हंगामा, इन मुद्दों पर कांग्रेस और भाजपा पार्षदों में टकराव
Chandigarh MC House Meeting नगर निगम की ओर से लायंस कपंनी को हर माह साढ़े चार करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है ऐसे में तीन माह की एक्सटेंशन के बाद नगर निगम की ओर से साढ़े 13 करोड़ रुपये का और भुगतान कंपनी को किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Chandigarh MC House Meeting: इस बार नगर निगम में 29 अक्टूबर की सदन की बैठक होगी। हर बार की तरह इस बार भी बैठक में हंगामा होने के पूरे आसार हैं। कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में खूब उलझेंगे। राजनीतिक ज्यादा गरमाने का कारण यह भी है कि यह इस साल की आखिरी बैठक है जिसमें विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव पास होंगे। अगले माह होने वाली सदन की बैठक से पहले चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में उस बैठक में कोई भी प्रस्ताव पास होने के लिए नहीं आएगा। इसलिए कांग्रेस और भाजपा के पार्षद ज्यादा से ज्यादा अपनी बात रखकर अपना रोल बढ़ाना चाहते हैं। जबकि इस बैठक में लायंस कंपनी का टेंडर भी तीन माह के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव आ रहा है। इस प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनो के पार्षदों अधिकारियों को घेरते हुए हंगामा करेंगे।
लायंस कंपनी के दक्षिणी सेक्टर की सफाई का टेंडर तीन माह के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार हो गया है। यह प्रस्ताव चर्चा और पास होने के लिए 29 अक्टूबर को होने वाली सदन की बैठक में आ रहा है। नगर निगम की ओर से लायंस कपंनी को हर माह साढ़े चार करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है। ऐसे में तीन माह की एक्सटेंशन के बाद नगर निगम की ओर से साढ़े 13 करोड़ रुपये का और भुगतान कंपनी को किया जाएगा। इस मामले में भाजपा पार्षद शक्तिदेव शाली ने कमिश्नर को पत्र लिखकर जांच की मांग करते हुए जिम्मेवार अधिकारी की जवाबदेही तय करने की भी मांग की थी लेकिन उसकी जांच शुरू नहीं हुई है। ऐसे में भाजपा पार्षद शक्तिदेव शाली इस मामले को सदन की बैठक में भी जोरों शोरों से उठाएंगे।
कांग्रेस पार्षद भी इस मामले पर हंगामा करने की रणनीति बना रहे हैं।बिना एक्सटेंशन दिए हुए सफाई के काम को बीच में नहीं छोड़ा जा सकता है। नगर निगम उतरी सेक्टर की सफाई का टेंडर दक्षिणी की तरह से लगाना चाहता है।लेकिन इस पर निर्णय अभी नहीं किया जाएगा।इसका प्रस्ताव अगले साल नगर निगम के नए कार्यकाल में लाया जाएगा।असल में भाजपा अभी इस प्रस्ताव को लाकर नया विवाद शुरू नहीं करना चाहते हैं। लायंस कंपनी से हुए समझौते के अनुसार जो मकेनिकल स्वीपिंग मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है वह भी नगर निगम को मिल जाएगी।ऐसे में टेंडर समाप्त होने के बाद यह मशीनें भी नगर निगम को मिलनी है।