CHB की तरकीब कर गई काम, इस नए फार्मुले से आइटी पार्क की जमीन भी बेचेगा चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड

पाश्वनाथ डेवलपर्स से सीएचबी को कोर्ट के आदेशों पर यह जमीन वापस मिली थी। करीब 123 एकड़ जमीन को बोर्ड ने 13 अलग-अलग साइट में बेचने के लिए ई-ऑक्शन की थी। कोई खरीदार नहीं मिला तो शर्तों में भी ढील दी गई।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:25 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:25 PM (IST)
CHB की तरकीब कर गई काम, इस नए फार्मुले से आइटी पार्क की जमीन भी बेचेगा चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड
नए फार्मुले से आइटी पार्क की जमीन भी बेचेगा चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड।

चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। ई-ऑक्शन में तीन साल तक माथापच्ची करने के बाद भी चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड आइटी पार्क (CHB) में कोई साइट नहीं बेच पाया था। लेकिन अब सीएचबी के हाथ ऐसा फार्मुला लगा है, जिससे वह धड़ाधड़ प्रॉपर्टी बेचने में सफल हो रहा है। ऐसी प्राॅपर्टी भी सेल की जा चुकी है जो बिक ही नहीं रही थी। कोई खरीदार इन्हें लेने को तैयार नहीं था। फ्री होल्ड बेसिस के 60 से अधिक मकान सीएचबी बेच चुका है।

यह सब सीएचबी ने ई-टेंडर के फार्मुले से किया है। दो बार सफलता के बाद अब सीएचबी ने 55 मकानों को बेचने के लिए तीसरा ई-टेंडर जारी कर रखा है। ई-टेंडर से प्रापर्टी बेचने का फार्मुला कहीं न कहीं हिट हो गया है। अब इसी फार्मुले से बाकी सभी प्रॉपर्टी भी बेचने की तैयारी है। इतना ही नहीं आइटी पार्क की जिस प्रॉपर्टी को बोर्ड कई बार ऑक्शन करने के बाद भी नहीं बेच पाया अब उसे भी ई-टेंडर से बेचने का विचार हो रहा है।

पाश्वनाथ डेवलपर्स से सीएचबी को कोर्ट के आदेशों पर यह जमीन वापस मिली थी। करीब 123 एकड़ जमीन को बोर्ड ने 13 अलग-अलग साइट में बेचने के लिए ई-ऑक्शन की थी। कोई खरीदार नहीं मिला तो शर्तों में भी ढील दी गई। नियमों में बदलाव किया गया बावजूद इसके केवल एक पेट्रोल पंप साइट को ही इंडियन ऑयल को बेचा जा सका था।

हॉस्पिटल साइट का 308 करोड़ था रिजर्व प्राइज

सीएचबी ने 123 एकड़ जमीन को 16 अलग-अलग साइट में बांटकर बेचना चाह था। इसमें दस साइट रेजिडेंशियल, बाकी होटल, हॉस्पिटल, स्कूल और कमर्शियल साइट थी। 8.23 एकड़ की हॉस्पिटल साइट का रिजर्व प्राइज ही लगभग 308 करोड़ रुपये रखा गया था। कलेक्टर रेट के हिसाब से यह रिजर्व प्राइज तय किया गया था। बोर्ड ने 2017 से 19 तक ई-ऑक्शन प्रक्रिया जारी रखी। लेकिन कोई भी साइट नहीं बेची जा सकी। बाद में प्लॉट साइज छोटे भी किए गए लेकिन फिर भी कोई साइट नहीं बिकी।

पहले लीज होल्ड प्रॉपर्टी बिकेगी

बोर्ड ने फ्री होल्ड बेसिस प्रापर्टी से ई-टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत की थी। पुराने अनुभव से यही कयास लग रहे थे कि इस बार भी बोर्ड असफल होगा, लेकिन महामारी के दौर में भी चंडीगढ़ में अपना घर होने की चाह रखने वालों ने इस अवधारणा को बदल दिया। 105 मकानों के लिए निकाले पहले ही ई-टेंडर में 36 मकान बेचने की सफलता मिली। हालांकि छह सबसे अधिक बोलीदाता की पेमेंट जमा नहीं कराने पर अर्नेस्ट मनी जब्त हो गई। 79 मकानों के लिए निकाले दूसरे ई-टेंडर में 26 मकान बेचे गए। इसमें भी तीन सबसे अधिक बोलीदाता का बयाना जब्त हुआ। बोर्ड ने दोबारा से तीसरी बार 55 मकान के लिए ई-टेंडर निकाल दिया। इसकी प्रक्रिया जारी है। इसके बाद 100 से अधिक लीज होल्ड बेसिस प्रापर्टी के लिए ई-टेंडर जारी होगा।

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