चंडीगढ़ में टोक्यो ओलिंपिक खिलाड़ियों पर धनवर्षा, हॉकी प्लेयर्स के साथ कोचों पर भी बरसा खूब पैसा

टोक्यो ओलिंपिक 2020 खेलने वाली भारतीय महिला व पुरुष हॉकी टीम में चंडीगढ़ हॉकी एसोसिएशन के पांच ट्रेनी खिलाड़ी शामिल थे। ऐसे में इन खिलाड़ियों पर आज धनवर्षा हुई है। एसोसिएशन की तरफ से इन खिलाड़ियों को नकद इनाम देकर सम्मानित किया गया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 21 Aug 2021 02:58 PM (IST) Updated:Sat, 21 Aug 2021 02:58 PM (IST)
चंडीगढ़ में टोक्यो ओलिंपिक खिलाड़ियों पर धनवर्षा, हॉकी प्लेयर्स के साथ कोचों पर भी बरसा खूब पैसा
सम्मान समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय और पंजाब के खेलमंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी खासतौर पर मौजूद थे।

विकास शर्मा, चंडीगढ़। टोक्यो ओलिंपिक- 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय महिला व पुरुष हॉकी टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से खूब वाहवाही बटोरी। ओलिंपिक खेलने वाली महिला व पुरुष हॉकी टीम में हॉकी चंडीगढ़ के पांच ट्रेनी खिलाड़ी शामिल थे। हॉकी चंडीगढ़ ने शनिवार को इंडस्ट्रियल एरिया स्थित होटल हयात में अपने ट्रेनी खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह, गुरजंट सिंह, मोनिका मलिक, शर्मिला देवी, और रीना खोखर को पांच -पांच लाख रुपये का इनाम देकर व इन खिलाड़ियों को तैयार करने वाले कोच गुरमिंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह को ढ़ाई-ढाई लाख रुपये का ईनाम देकर सम्मानित किया गया।

खिलाड़ी सम्मान समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय और पंजाब के खेलमंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी खासतौर पर कार्यक्रम में मौजूद रहकर इन खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की। इस मौके पर चंडीगढ़ हॉकी अकादमी के खिलाड़ी भी मौजूद रहे।

हॉकी खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपये कैश प्राइज दिया गया।

खिलाड़ियों के बेहतर खेलनीति बनाए यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट: रूपिंदरपाल सिंह

हॉकी खिलाड़ी रूपिंदर पाल सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ में बेहतरीन स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर है, हम हॉकी चंडीगढ़ के पहले बैच से निकलने वाले खिलाड़ी थे। कोच जसबीर सिंह और ओपी अलहावत ने ही उन्हें प्रोफेशनल हॉकी के लिए तैयार किया, इसी अकादमी से खेलते हुए हमारा करियर शुरू हुआ। पिछले कई सालों में हमने कई मेडल जीते, लेकिन यह पहला मौका है जब हॉकी चंडीगढ़ हमें सम्मानित कर रही है। उन्होंने कहा कि यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट को हरियाणा व पंजाब की तर्ज पर अपनी खेलनीति बनानी चाहिए। खिलाडि़यों को सरकारी नौकरी मिलेगी तो वह यकीनन चंडीगढ़ से खेलने को तरजीह देंगे। उन्होंने खेल को प्रमोट करने के लिए ज्यादा से ज्यादा नेशनल व इंटरनेशनल स्तर के टूर्नामेंट भी करवाने पर जोर दिया, ताकि युवा हॉकी के प्रति प्रेरित हो सकें।

एसोसिएशन की तरफ से कोचों को ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम दिया गया।

अकादमी ने सिखाया अनुशासन व टीम वर्क: गुरजंट सिंह  

टोक्यो ओलिंपिक में खेलने वाले गुरजंट सिंह ने बताया कि वह हॉकी चंडीगढ़ के दूसरे बैच में शामिल थे। उन्होंने अकादमी के दिनों को याद करते हुए बताया कि अकादमी के रहकर ही उन्होंने अनुशासन व टीम वर्क के महत्व को समझा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हॉकी अकादमी में अपने सीनियर्स रूपिंदरपाल व अन्य खिलाड़ियों को देखकर ही उन्हें आगे बढ़ने की प्ररेणा मिली है। उन्होंने कहा कि जब आप अकादमी में रहते हो तो आपका लक्ष्य सिर्फ इंडिया खेलना और ज्यादा से ज्यादा गोल करने पर होता है। हम हर वक्त हॉकी के बारे में ही सोचते थे, यही जज्बा और जुनून हमें आगे बढ़ने को प्ररेणा देता है।

महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया।

खिलाड़ियों को आगे बढा़ने के लिए भी बने योजना: मोनिका मलिक

महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी मोनिका मलिक ने कहा कि वह बेहद खुशनसीब है कि उनकी ट्रेनिंग सीनियर राजिंदर सिंह और मंजीत कौर मैम के साथ हुई। इन दोनों कोचों ने हमें इतनी मेहनत करवाई कि आज मैं, शर्मिला देवी और रीना खोखर इंडिया टीम में खेल रही हैं। उन्होंने कहा कि हॉकी चंडीगढ़ खिलाड़ियों को सिर्फ छह साल के लिए रखती है, लेकिन इसके बाद जब हॉकी में करियर बनाने की बात आती है तो आगे की कोई योजना खिलाड़ी के पास नहीं होती है। ऐसे में खिलाड़ियों को आगे ले जाने लिए अकादमी को उनके कॉलेज व यूनिवर्सिटी तक उसे आगे बढा़ने के प्रयास करने चाहिए। इसका एक प्लान तैयार होना चाहिए।

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