चंडीगढ़ हेरिटेज फर्नीचर फिर नीलाम, अबकी बार बेल्जियम में एक करोड़ रुपये में बिकी चार हेरिटेज आइटम्स
इस साल की 11वीं ऑक्शन बेल्जियम के ब्रेकलेस शहर में 23 जून को हुई है। इस ऑक्शन में चंडीगढ़ की चार हेरिटेज फर्नीचर आइटम एक करोड़ रुपये में बेची गई। यह सभी फर्नीचर आइटम चंडीगढ़ के क्रिएटर आर्किटेक्ट ली कारबुजिए के कजिन पियरे जेनरे नए डिजाइन की थी।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। चंडीगढ़ के हेरिटेज फर्नीचर (Chandigarh Heritage Furniture) और दूसरी आइटम की विदेशी नीलाम घरों में ऑक्शन रुकने का नाम नहीं ले रही है। इस साल की 11वीं ऑक्शन बेल्जियम के ब्रेकलेस शहर में 23 जून को हुई है। इस ऑक्शन में चंडीगढ़ की चार हेरिटेज फर्नीचर आइटम एक करोड़ रुपये में बेची गई। यह सभी फर्नीचर आइटम चंडीगढ़ के क्रिएटर आर्किटेक्ट ली कारबुजिए के कजिन पियरे जेनरे नए डिजाइन की थी।
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह से ऑक्शन हो रही है, अब तो छोटे-छोटे देशों तक यह फर्नीचर पहुंचने लगा है। जिससे चंडीगढ़ की विरासत नीलाम होती जा रही है। जांच एजेंसी भी इस फर्नीचर को नीलाम घरों तक पहुंचने से रोकने में नाकाम रही है। इसे रोकने के लिए आवाज उठाने वाले विसलब्लोअर चंडीगढ़ हेरिटेज प्रोटेक्शन सेल के सदस्य एडवोकेट अजय जग्गा ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को इसकी शिकायत की गई है।
एडवोकेट अजय जगा ने विदेश मंत्री को बताया वह पहले भी इस तरह की शिकायतें करते रहे हैं, लेकिन एमएचए की गाइडलाइंस के खिलाफ ऑक्शन होती रही है। गृह मंत्रालय ने 2011 के बाद से चंडीगढ़ की इन सभी आइटम को सरहद पार करने पर रोक लगाई हुई है। बावजूद इसके यह आइटम नीलाम घरों तक पहुंच रही हैं। जग्गा ने बेल्जियम में भारत के एंबेसडर को भी इसकी शिकायत भेजकर जांच की मांग की है। जो फर्नीचर आइटम बेल्जियम में नीलाम हुई है, उनमें जैनरे का डिजाइन इजी सोफा, कमेटी चेयर डेस्क और इजी आर्म चेयर शामिल हैं।
आपको बता दें कि चंडीगढ़ निर्माण के दौरान जैनरे ने शहर की एजुकेशनल और कई दूसरी बिल्डिंग बनाने के साथ रेजिडेंशियल डिजाइन भी तैयार किए थे। इसके अलावा इन बिल्डिंगों में इस्तेमाल होने वाला फर्नीचर भी उन्होंने डिजाइन किया था। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में बड़ी संख्या में यह फर्नीचर मौजूद था। सबसे ज्यादा तस्करी भी यहीं से लगातार हो रही है। कई मामलों में चोरी करते चोर को पकड़ा भी गया हैl