चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल टीचर का Cororna से निधन, चार दिन पहले पिता की हुई थी मौत

चंडीगढ़ में कोरोना संक्रमण जानलेवा साबित हो रहा है। शनिवार को चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल शिक्षिका का कोरोना के कारण निधन हो गया। शिक्षिका अंजू गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-46 की मैथ विषय की अध्यापिका थीं। वह पटियाला के निजी अस्पताल में भर्ती थीं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 02:51 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 02:51 PM (IST)
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल टीचर का Cororna से निधन, चार दिन पहले पिता की हुई थी मौत
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल की शिक्षिका अंजू की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-46 की मैथ विषय की अध्यापिका अंजू का शनिवार को देहांत हो गया। वह कोरोना पॉजिटिव थीं। गौरतलब है कि अंजू की ड्यूटी सरकारी स्कूलों में चल रही एडमिशन प्रक्रिया में लगी हुई थी। जिसमें वह स्कूल में एडमिट हो रहे स्टूडेंट्स के अभिभावकों से फीस लेने से लेकर उनकी डॉक्यूमेंटेशन करने का काम कर रही थीं।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक करीब चार दिन पहले अंजू के पिता का देहांत हुआ था, जिसके चलते वह परेशान थीं। पिता के देहांत के बाद अंजू कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं और शनिवार को उनका देहांत पटियाला के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। उल्लेखनीय है कि शहर के ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।  

शहर के अस्पतालों में नहीं मिला वेंटिलेटर बेड, बेटी लेकर गई पटियाला

अंजू के परिवार में पति, उसकी मां और दो बेटियां है। बड़ी बेटी ने डॉक्टरी की पटियाला के किसी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पूरी की हुई है। कोरोना होने के बाद पहले अंजू को शहर के अस्पतालों में भर्ती कराने का प्रयास किया गया लेकिन जब उन्हें यहां पर वेंटिलेटर वाला बेड नहीं मिला तो उन्हें उनकी बेटी पटियाला के अस्पताल में ले गई।

गर्मियों की छुट्टियों के बावजूद टीचर्स करेंगे एडमिशन

शहर के सभी स्कूलों में 10 मई से गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो रही है लेकिन शहर के स्कूलों में कुछ स्टाफ को नियमित तौर पर स्कूल आना है। स्कूल आने वाले टीचर्स की ड्यूटी हैडमास्टर या प्रिंसिपल तय करेंगे। इन टीचर्स का मुख्य कार्य स्कूल में स्टूडेंट्स का एडमिशन करना है। इसके साथ ही तकनीकी और फोर्थ क्लास स्टाफ भी स्कूल में आएगा। वहीं दसवीं कक्षा का परिणाम बनाने के लिए हर स्कूल के सात टीचर्स को स्कूल आना होगा। पांच टीचर्स अपने ही स्कूल में स्टूडेंट्स का परिणाम तैयार करेंगे जबकि अन्य दो टीचर्स की ड्यूटी किसी दूसरे स्कूल में लगाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई 20 जून को दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित करने की घोषणा कर चुका है। जिससे पहले सभी स्कूलों को परिणाम तैयार करके ऑनलाइन सीबीएसई को भेजना है।

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