चंडीगढ़ GCG-11 को मिला एनवायरनमेंट बेस्ट प्रेस्टीज अवॉर्ड-2021, कॉलेज में कूड़े से तैयार की जा रही खाद
चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स (जीसीजी-11) को एनवायरनमेंट बेस्ट प्रेस्टीज अवॉर्ड-2021 मिला है। यह अवॉर्ड कॉलेज के बॉटनी विभाग में कार्यरत प्रोफेसर डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि कूड़ा निपटान के लिए कालेज में विशेष प्रोजेक्ट के लिए मिला है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। कूड़े को खुले मे फेंकने के बजाये उससे खाद बनाने और खाद में कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा मात्र 88 फीसद रखने की दिशा में काम करने वाले पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स सेक्टर-11 को कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) की तरफ से एनवायरनमेंट बेस्ट प्रेस्टीज अवार्ड 2021 मिला है। यह अवार्ड कालेज को 30 जुलाई को दिया गया।
कालेज के बॉटनी विभाग में कार्यरत प्रोफेसर डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि कूड़ा निपटान के लिए कालेज में विशेष प्रोजेक्ट शुरू किया हुआ है, जिसके तहत कालेज से निकलने वाले कूड़े को डिस्पोज आफ करके 110 दिनों में खाद तैयार की जा रही है। कूड़ा सीधे मिट्टी में दबाने के बजाये उसे पहले इकोमैन कंपोस्टर की मशीन फूडी में डाला जा रहा है। सात दिन तक नशीन में रखने के बाद उसे खुले में मिट्टी के साथ मिक्स किया जाता है और मात्र 110 दिन में बेहतरीन खाद तैयार की जा रही है। फूडी मशीन में कंपोस्ट करने के चलते कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा मात्र 88 फीसद है।
75 कंपनियों के दो सौ प्रोजेक्ट को पछाड़ा
कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री की तरफ से इनोवेटिव एनवायरमेंटल प्रोजेक्ट के तहत देश भर की कंपनियों और संस्थानों से प्रोजेक्ट के लिए आवेदन किया था। जिसमें इस बार जीसीजी-11 की तरफ से भी अप्लाई किया गया। सीआइआइ के आवेदन में देश भर की 75 कंपनियों ने दो सौ अलग-अलग प्रोजेक्ट पेश किए थे, जिसमें जीसीजी-11 को पहला स्थान मिला है।
कार्बनडाइआक्साइड के नुकसान
जिस भी प्रोजेक्ट से कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होती है वहां पर ग्लोबल वार्मिंग का स्तर ज्यादा है। डा. विशाल के अनुसार जब से कालेज में फूडी मशीन से कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है उस समय से कालेज का तापमान शहर के तापमान से डेढ़ से दो डिग्री तक कम रहता है। जहां पर कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा कम होगी वहां पर पर्यावरण सामान्य रहेगा और सांस के रोग भी कम होंगे।
88 से 60 फीसद तक कार्बनडाइऑक्साइड उत्सर्जन का है लक्ष्य
सीआइआइ की तरफ से प्रोजेक्ट को बेस्ट इनवारमेंट अवार्ड देने के साथ ही लक्ष्य दिया है कि कार्बन उत्सर्जन की मात्रा काे 88 से कम करके 60 तक लाया जाता है तो इसे पूरे देश में शुरू करने पर विचार हो सकता है।