कोरोना का असर: चंडीगढ़ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट शहर में लगाएगा सबसे ज्यादा मेडिटेशनल प्लांट, फ्री बांटे जाएंगे पौधे
चंडीगढ़ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इस बार वन महोत्सव कार्यक्रम के दौरान मेडिटेशनल प्लांट को सबसे अधिक मात्रा में लगाएगा। इसका पूरा प्लान तैयार किया जा रहा है। साथ ही लोगों को डोर स्टेप या कार्यक्रम के जरिये ऐसे पौधे उपलब्ध हों यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी ने काफी कुछ बदल कर रख दिया है। जिंदगी जीने का सलीके से लेकर काम करने का ढंग सब बदल गया है। किसी तरह से जिंदगी जीने के लिए केवल जरूरी चीजों की ही जरूरत रहती है अभाव में भी इसे अच्छे से जिया जा सकता है। यह सब बातें कोरोना ने सिखाई हैं। लेकिन एक सबसे जरूरी चीज जिसका महत्व कोरोना महामारी ने बताया वह प्रकृति है।
प्राकृतिक लगाव कितना जरूरी है इससे जुड़े रहने अपनों को समय देना प्रकृति का ध्यान रखना यह सब बातें भी महामारी ने सिखाई हैं। ऑक्सीजन के बिना सांसे कैसे अटकती हैं यह पता चला। इस ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्रोत कहीं न कहीं नेचुरल पेड़ पौधे हैं। यह पेड़ पौधे नहीं रहेंगे तो जिंदगी का असंतुलन बिगड़ना तय है। इसके लिए जरूरी है ऐसे पेड़ों को बड़ी मात्रा में लगाया जाए साथ ही इनका ख्याल भी वैसे ही रखा जाए।
इसको ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इस बार वन महोत्सव कार्यक्रम इसी थीम बेस्ड आयोजित करेगा। इसमें मेडिटेशनल प्लांट को सबसे अधिक मात्रा में लगाया जाए। इसका पूरा प्लान तैयार किया जा रहा है। साथ ही लोगों को डोर स्टेप या कार्यक्रम के जरिये ऐसे पौधे उपलब्ध हों यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है। मॉनसून आने के साथ ही जुलाई में एक महीने के लिए वन महोत्सव कार्यक्रम आयोजित होता है, जिसमें शहर के अलग-अलग हिस्सों के साथ जंगलों में भी प्लांटेशन की जाती है। लेकिन इस बार प्रशासन का फोकस औषद्यिय पौधे वितरित करने पर है।
गमलों में या खाली स्पेस पर लगा सकेंगे औषद्यीय पौधे
चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट देबेंद्र दलाई ने बताया कि हर साल वन महोत्सव कार्यक्रम आयोजित होता है। इस बार भी वन महोत्सव के लिए दौरान पौधारोपण अभियान कार्यक्रमों का आयोजन होगा। डिपार्टमेंट मोबाइल वैन के जरिये आपके द्वार स्कीम शुरू करेगा, जिसमें लोगों को घरों पर ही निशुल्क पौधे बांटे जाएंगे। कोरोना महामारी में मेडिटेशनल प्लांट्स का महत्व बढ़ा है। लोगों ने इनका खूब इस्तेमाल भी किया। गिलाेय, नीम, तुलसी अश्वगंधा जैसे पौधों की मांग बढ़ी है। ऐसे पौधे लोगों को निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। जिससे वह अपने घरों पर गमलों में या जहां जगह है वहां लगा सकते हैं।