चंडीगढ़ एस्टेट आफिस हुआ डिजिटल, किसी बाबू ने फाइल दबाई तो तुरंत सीनियर अफसर को पहुंचेगा मैसेज

अब चंडीगढ़ के लोग घर बैठे ही अधिकतर काम आनलाइन करवा सकेंगे। अगस्त 2020 में एनआईसी की मदद से डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था। प्रापर्टी रिकॉर्ड को डिजिटल करने के लिए 125 इंप्लाइज लगाए गए थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 02:01 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 05:55 PM (IST)
चंडीगढ़ एस्टेट आफिस हुआ डिजिटल, किसी बाबू ने फाइल दबाई तो तुरंत सीनियर अफसर को पहुंचेगा मैसेज
चंडीगढ़ का एस्टेट आफिस अब पूरी तरह डिजिटल बन चुका है। सांकेतिक चित्र।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। एस्टेट आफिस पहले जैसा पुरानी फाइलों से पटे रैक और धूल से सनी फाइलों वाला आफिस नहीं रहा। अब यह पूरी तरह डिजिटल बन चुका है। पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने मंगलवार को एस्टेट ऑफिस की आनलाइन सर्विसेज को लांच किया। उन्होंने कहा कि जब मैंने चंडीगढ़ ज्वाइन किया था तो ट्रांसपेरेंसी, एफिशिएंसी और सिटिजन सेंट्रिक सर्विसेज पर फोकस करने को कहा था। यही विजन यूटी प्रशासन के अधिकारियों के सामने ज्वाइनिंग के बाद रखा था।

आनलाइन सर्विसेज के लिए एप्लीकेशन डेवलप की गई है। सभी एप्लीकेशन आनलाइन मिलने पर इन पर काम भी ऐसे ही होगा। सिटीजन को उसकी एप्लीकेशन का स्टेटस हर स्तर पर फोन पर एसएमएस के जरिये मिलता रहेगा। आनलाइन लागिन कर भी वह इसका स्टेटस जान सकता है। सभी फाइलें स्कैन होने तक फिजिकली फाइलों की मूवमेंट बंद रहेगी। एस्टेट ऑफिस के सभी अधिकारी अब फाइलों को एप्लीकेशन के जरिए आनलाइन ही डील करेंगे। इसके लिए एक डैशबोर्ड भी बनाया गया है। यह केवल फाइलों की मूवमेंट के लिए नहीं होगा बल्कि अलग-अलग स्तर पर ऑफिशियल्स की परफार्मेंस भी मॉनीटर करेगा। अगर कहीं कोई देरी होती है तो ऑफिशिल्स को एसएमएस से अलर्ट जाएगा। सीनियर ऑफिसर के सामने मॉनीटरिंग डैशबोर्ड पर भी लाल रंग में रिफ्लेक्ट होने लगेगा। यह एप्लीकेशन सब रजिस्ट्रार ऑफिस और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से भी लिंक रहेगी।

प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने खुशी जाहिर की कि एसबीआइ ने एस्टेट आफिस और कंज्यूमर्स को फाइनेंशियल सर्विसेज उपलब्ध कराने पर कोई शुल्क नहीं रखा है। इस कार्य से एस्टेट ऑफिस पूरी तरह बदल जाएगा यह टेक्नोलॉजी ड्राइव ऑर्गेनाइजेशन बन गया है। उन्होंने कहा कि हर नई चीज को शुरू करने के बाद बाधाएं भी आती हैं। इस नए सिस्टम में भी कई दिक्कत आ सकती हैं। अधिकारी इसे समय-समय पर अपडेट करते रहें।

प्रशासक ने नई सर्विसेज की शुरुआत की

पुरोहित ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि टेक्नोलाजी के प्रयोग से हर काम आसान बनाया जा रहा है। इससे लोगों को सहूलियत होगी। लोगों को बेवजह परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। एस्टेट ऑफिस में शुरू की गई यह आनलाइन सर्विसेज इसी का उदाहरण हैं। बता दें कि एस्टेट ऑफिस चंडीगढ़ का सबसे महत्वपूर्ण ऑफिस है, जो प्रापर्टी से जुड़ी पब्लिक डीलिंग की सर्विसेज उपलब्ध करवाता है।

125 कर्मचारियों ने रिकार्ड किया डिजिटल

1952 में इस ऑफिस को शुरू किया गया था। यहां लोगों को अलॉटमेंट, आक्शन, आनरशिप रिकार्ड मेंटेनेंस जैसी प्रापर्टी पब्लिक डीलिंग सर्विसेज उपलब्ध कराई जाती हैं। अभी तक यह सभी सुविधाएं आफलाइन मोड से उपलब्ध होती थी। इससे फाइलों को ट्रैक करना मुश्किल होता था। डिजिटाइजेशन नहीं होने से सिस्टम को पारदर्शी नहीं बनाया जा सकता था। लोगों के आवेदन को महीनों लग जाते थे। ट्रांसपेरेंसी के अभाव में भ्रष्टाचार और काम में देरी के आरोप लगते रहे हैं।

घर बैठे ही होंगे अधिकतर काम

अब लोग घर बैठे ही अधिकतर काम अपने आनलाइन करवा सकेंगे। अगस्त 2020 में एनआईसी की मदद से डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था। प्रापर्टी रिकॉर्ड को डिजिटल करने के लिए 125 इंप्लाइज लगाए गए थे। एक फाइल में 200 असेंशियल फील्ड्स थे, जिससे करीब 80 लाख एंट्री करनी पड़ी। सभी एंट्री को क्लर्क ने वेरीफाई कर डिजिटल सिग्नेचर किए हैं। इसके बाद सीनियर असिस्टेंट के स्तर पर भी शत-प्रतिशत वेरीफिकेशन की गई है। इससे विश्वनीय डिजिटल डाटाबेस तैयार हुआ है।

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