कोरोना से जंग में बड़ी तैयारी: चंडीगढ़ के स्कूल व कालेजों में शिक्षकों का बनेगा रोस्टर, 50 फीसद टीचर्स ही आएंगे

ट्राईसिटी में अब रोजाना कोविड-19 के मामले दो हजार से भी अधिक आ रहे है। यूटी प्रशासन की ओर से सभी शैक्षणिक संस्थानों को मौजूदा हालात के कारण 30 अप्रैल तक बंद करने के निर्देश पहले ही जारी हो चुके हैं।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 03:52 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 03:52 PM (IST)
कोरोना से जंग में बड़ी तैयारी: चंडीगढ़ के स्कूल व कालेजों में शिक्षकों का बनेगा रोस्टर, 50 फीसद टीचर्स ही आएंगे
ट्राईसिटी में अब रोजाना कोविड-19 के मामले दो हजार से भी अधिक आ रहे है।

चंडीगढ़, डाॅ. सुमित सिंह श्योराण। ट्राईसिटी में अब रोजाना कोविड-19 के मामले दो हजार से भी अधिक आ रहे है। यूटी प्रशासन की ओर से सभी शैक्षणिक संस्थानों को मौजूदा हालात के कारण 30 अप्रैल तक बंद करने के निर्देश पहले ही जारी हो चुके हैं। किसी भी तरह की आफलाइन कक्षाओं पर पूरी तरह से पाबंदी है। लेकिन यूटी प्रशासन की ओर से शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की उपस्थिति अनिवार्य की हुई है। बीते दिनों में विभिन्न स्कूल, कालेज और यहां तक यूनिवर्सिटी स्तर पर भी काफी टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ कोरोना पाजिटिव पाया जा चुका है। कोरोना पाजिटिव आने वालों की संख्या 150 से भी अधिक है।

पूरे मामले में यूटी प्रशासन के उच्च अधिकारियों और हेल्थ विभाग के आला अधिकारियों के सुझाव पर अब शहर के सभी स्कूल, कालेजों में आने वाले स्टाफ की संख्या भी आधी करने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार सोमवार शाम तक इस संबंध में निर्देश जारी हो सकते हैं। प्राइवेट और सरकारी स्कूल और कालेजों में टीचिंग स्टाफ को बुलाया जा रहा है। टीचर्स स्कूल और कालेजों से ही स्टूडेंट्स की आनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। लेकिन कोविड संक्रमण के कारण टीचर्स में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं। ऐसे में ऐहतियात के तौर पर अब स्कूल, कालेजों में भी स्टाफ की संख्या को कुछ समय के लिए सीमित करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में सभी स्कूल और कालेज हेड्स की तरफ से भी सुझाव लिए गए हैं।

क्या कहना है डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन का

मामले में डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन रुबिंदरजीत सिंह बराड़ ने कहा कि यूटी प्रशासन की ओर से कोविड-19 को लेकर जारी किए गए सभी निर्देशों का पूरा तरह से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर अधिकारियों से बातचीत की गई है। बराड़ ने उम्मीद जताई है कि सोमवार शाम तक इस संबंध में विभाग की ओर से शैक्षणिक संस्थानों में रोस्टर के हिसाब से स्टाफ को 50 फीसद बुलाने के निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।

बच्चों की बढ़ेगी परेशानी

जिस तरह से रोजाना कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसी स्थिति में अभी शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई का शेड्यूल बहाल हो पाना संभव नहीं है। स्कूल प्रबंधकों का तो यहां तक कहना है कि बीते साल की तरह जूनियर स्तर की कक्षाएं इस पूरे सत्र में भी संभव नहीं लग रही। कुछ स्कूलों ने जुलाई से जूनियर कक्षाओं को आफलाइन शुरू करने की प्लानिंग फरवरी में की थी, लेकिन मौजूदा कोविड के मामलों के बाद यह फिलहाल संभव नहीं है। प्राइवेट स्कूलों ने नई कक्षाओं की पढ़ाई फिर से आनलाइन शुरू कर दी है। स्टूडेंट्स सुबह 8 से दो बजे तक आनलाइन ही कक्षाएं लगा रहे हैं। उधर, कई घंटे कंप्यूटर और मोबाइल पर पढ़ाई से स्कूली बच्चों में हेल्थ से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगी हैं।

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