बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़; चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी की मंजूरी बिना नई इमारतों में शुरू कर दी कक्षाएं
शहर के स्कूलों की इमारतों को हर साल सीबीएसई की इंस्पेक्शन कमेटी जांच करती है जिसमें स्कूल में स्टूडेंट्स के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चेक किया जाता है। सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी के नियमों के अनुसार स्कूल इमारत में स्टूडेंट्स के लिए एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते होने चाहिए।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंड़ीगढ़ को एजुकेशन सिटी भी कहा जाता है। शहर के बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए शहर में 115 सरकारी स्कूल हैं। आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए नई स्कूल इमारतें बनाई जा रही हैं, लेकिन इनके बनने और शुरू होने के बीच स्टूडेंट्स की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है। नई स्कूल इमारतें कितनी सेफ हैं इसका शिक्षा विभाग के पास कोई प्रमाण नहीं है। कोरोना महामारी के बाद शिक्षा विभाग ने गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल आरसी-3 धनास और गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-12 की नई इमारतों में कक्षाएं शुरू कर दी हैं। हैरत की बात है कि दोनों ही स्कूल बिल्डिंग्स को सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी की मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे में स्टूडेंट्स स्कूल इमारत में सुरक्षित हैं यह नहीं कहा जा सकता।
शहर के स्कूलों की इमारतों को हर साल सीबीएसई की इंस्पेक्शन कमेटी जांच करती है, जिसमें स्कूल में स्टूडेंट्स के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चेक किया जाता है। सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी के नियमों के अनुसार स्कूल इमारत में स्टूडेंट्स के लिए एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते होने चाहिए। इसके इलावा आग लगने पर उसे बुझाने के लिए सभी उपकरण, बेहतर बिजली की सुविधा, क्लास रूम में बाहरी रोशनी आना, उचित हवा जैसी सुविधा होनी जरूरी है। सारी सुविधाएं होने के बाद सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी प्रमाणित करती है। इसके बाद ही स्कूल की इमारत को बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वर्ष में एक बार आती है सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी
स्कूल इमारत को चेक करने के लिए सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी साल में एक बार आती है। टीम वर्ष 2021 में जुलाई अगस्त में आई थी। जिस समय सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी चंड़ीगढ़ आई थी उस समय उक्त दोनों स्कूलों की नई इमारतों का कार्य पूरा नहीं हुआ था। इसके चलते सीबीएसई इंस्पेक्शन कमेटी को स्कूल इमारत नहीं दिखाई गई, लेकिन नवंबर 2021 में दोनों स्कूलों की नई बिल्डिंग का काम पूरा होने के बाद इनमें स्टूडेंट्स की कक्षाएं शुरू कर दी गई। धनास स्कूल की इमारत को प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित तो सेक्टर-12 की स्कूल इमारत को शिक्षा सचिव से लेकर विभाग के आला अधिकारी खुद शुरू करके आए हैं।