पंजाब सर्विस रूल और RTE Act के नियमों मे उलझा चंडीगढ़ शिक्षा विभाग, घटाई गईं शिक्षकों की छुट्टियां

समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत टीचर्स की भर्ती एमएचआरडी के नियमों के अनुसार हुई है जिन्हें वेतन से लेकर हर प्रकार के भुगतान केंद्र सरकार करती है। चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब सर्विस रूल का हवाला देकर एक साल की छुट्टियों को 12 दिन करने के निर्देश जारी किए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:52 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:52 AM (IST)
पंजाब सर्विस रूल और RTE Act के नियमों मे उलझा चंडीगढ़ शिक्षा विभाग, घटाई गईं शिक्षकों की छुट्टियां
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की छुट्टियां 15 से 12 दिन करने के आदेश जारी किए हैं।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग एक बार फिर से नियमों में उलझ गया है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत सेवाएं दे रहे टीचर्स को 31 मई 2020 को राइट टू एजुकेशन (आरटीई) एक्ट के तहत 15 अनुपूरक (कैजुअल) छुट्टियां देने का आदेश जारी हुआ था, जिसे 22 जून को पंजाब सर्विस रूल का नाम देकर दोबारा से 12 कर दिया है।

समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत टीचर्स की भर्ती एमएचआरडी के नियमों के अनुसार हुई है, जिन्हें वेतन से लेकर हर प्रकार के भुगतान केंद्र सरकार करती है। बावजूद चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब सर्विस रूल का हवाला देकर एक साल की छुट्टियों की संख्या 15 से कम कर 12 करने के निर्देश जारी किए हैं।  

एक साल में मिलती हैं इतनी छुट्टियां

आरटीई एक्ट के अनुसार टीचर्स को केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार सुविधाएं मिलती है। जिन टीचर्स को सेवा देते हुए विभाग मे 10 साल का समय पूरा हो गया है उनको सालभर में 15 जबकि 12 साल पूरे कर चुके टीचर्स को साल की 20 अनुपूरक छुट्टियों मिलती है। इसी प्रकार के महिला शिकक्षों को मातृत्त्व अवकाश सहित अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षकों के लिए पूर्व शिक्षा सचिव बंसी लाल शर्मा ने छुट्टियां बढ़ाने की पहल की थी जिसका लाभ टीचर्स को एक जून 2020 से मिल रहा था।

32 सौ में 956 टीचर्स एसएसए के तहत कार्यरत

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के अधीन वर्तमान मे 32 सौ टीचर्स सेवा दे रहे हैं, जिसमें एक हजार टीचर्स समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत हैं। इन टीचर्स को वेतन जून-जुलाई महीने में केंद्र सरकार द्वारा एक बार जारी किया जाता है। हर स्कूल में एक अध्यापक के पास हाजिरी भेजने की जिम्मेदारी होती है जो कि अटेंडेंस तैयार करने के बाद हेडमास्टर और प्रिंसिपल से मंजूर करवाता है। इसके बाद उसे केंद्र सरकार को भेजा जाता है और वहीं से उनका वेतन जारी होता है। 

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