चंडीगढ़ में छात्रों को भारी स्कूल बैग से मिलेगी निजात, नई निति लागू करेगा शिक्षा विभाग
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा जारी घोषणा में स्कूल हैडमास्टर और प्रिंसिपल को निर्देश दिए गए है कि वह खुद तय करें कि स्कूल बैग नीति को कैसे स्कूलों में लागू करवाना है। यह नियम पहली से बारहवीं कक्षा के सभी स्टूडेंट्स पर लागू होगा ।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से स्कूल बैग नीति की घोषणा करने के बाद चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने भी इसे स्कूलों में शुरू करने संबंधी निर्देश जारी कर दिए है। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा जारी घोषणा में स्कूल हैडमास्टर और प्रिंसिपल को निर्देश दिए गए है कि वह खुद तय करें कि स्कूल बैग नीति को कैसे स्कूलों में लागू करवाना है। यह नियम पहली से बारहवीं कक्षा के सभी स्टूडेंट्स पर लागू होगा, हालांकि इससे स्टूडेंट्स को भारी-भरकम स्कूल बैग से राहत मिलेगी।
क्या है स्कूल बैग नीति
स्कूल बैग का भार कई बार विवादों में रहा है। सरकारी और प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों पर आरोप लगता रहा है कि वह जरूरत से ज्यादा सामान स्टूडेंट्स से मंगवाते हैं जिससे उनका स्कूल बैग बहुत ज्यादा भारी हो जाता है जोकि उनके शरीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास में भी बाधा पहुंचाता है। इसलिए शिक्षा मंत्रालय की तरफ से स्कूल बैग नीति 2020 का निर्माण किया है जिससे सभी स्टूडेंट्स एक सामान वजन वाले बैग को लें और उससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर कोई असर न हो।
क्या है नियम
नर्सरी से लेकर दूसरी क्लास के स्टूडेंट्स को किसी प्रकार का होम वर्क नहीं दिया जाना चाहिए। तीसरी से पांचवी कक्षा के स्टूडेंट्स को सप्ताह में सिर्फ 2 घंटे का ही होमवर्क दिया जाए। इसके साथ ही छठी से आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स को हर दिन 1 घंटे यानी हफ्ते में 5 से 6 घंटों का होमवर्क मिलना चाहिए। 10वीं से 12वीं क्लास के छात्रों को हर दिन 2 घंटे तक होमवर्क दिया जा सकता है.
स्कूल बैग में किताबों और कॉपियों का भारी-
स्कूली छात्रों के बस्ते में किताबों का वजन 500 ग्राम से 3.5 किलोग्राम रहेगा, जबकि कॉपियों का वजन 200 ग्राम से 2.5 किलोग्राम रहेगा। इसके साथ लंच बाक्स का वजन भी दो सौ ग्राम से एक किलोग्राम और पानी की बोतल का वजन भी दो सौ ग्राम से एक किलोग्राम के बीच रहेगा। फिलहाल बस्ते का जो भी कुल वजन होगा, वह छात्र के शरीर के वजन का दस फीसद ही रहेगा।
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