चंडीगढ़ में काऊ सेस लगने के बावजूद नहीं मिली बेसहारा पशुओं से मुक्ति, अब 44 करोड़ की लगात से रायपुरकलां में बनेगी गौशाला
चंडीगढ़ नगर निगम की 29 जुलाई को सदन की बैठक है। जिसमें 44 करोड़ की लागत से रायपुरकलां फेज एक में गौशाला बनाने के लिए प्रस्ताव पास होने के लिए आ रहा है। इसमें भवन निर्माण के साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
जागरण संवादाता, चंडीगढ़। नगर निगम की 29 जुलाई को सदन की बैठक है। जिसमें 44 करोड़ की लागत से रायपुरकलां फेज एक में गौशाला बनाने के लिए प्रस्ताव पास होने के लिए आ रहा है। इसमें भवन निर्माण के साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। नगर निगम इस समय शहरवासियों से काऊ सेस भी ले रहा है। इस सेस से होने वाली कमाई ही गौशाला के निर्माण पर खर्च की जाएगी। इस बैठक में वेस्ट टू एनर्जी का लगने वाले नया प्लांट की तैयार होने वाले डीपीआर पर चर्चा होगी।
नगर निगम की इस समय शहर में दो गैशालाएं हैं। जोकि काऊ सेस से ही से चल रहीं हैं। बैठक में आईआईटी रोपड़, थापर यूनिवर्सिटी और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से डीपीआर के लिए आने वाले एस्टीमेट देखकर उन्हें तय किया जाएगा। यह तय किया जाएगा कि डीपीआर बनाने की जिम्मेवारी किसे दी जाए। जो बेहतर व कम दाम वाला डीपीआर होगा उसे आगे काम करने के लिए कहा जाएगा। इसके साथ ही बैठक में नगर निगम के अंदर स्थित ओबीसी बैंक की लाइसेंस फीस को लेकर भी एजेंडा आएगा।इस बैठक में भी कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच जमकर हंगामा होगा। कांग्रेस पार्षदों ने अलग-अलग मुद्दों पर भाजपा को घेरने की योजना बनाई है। पिछली बैठक में कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने हंगामा करते हुए मेयर को धमकी दी थी कि अगर अगले सदन की बैठक तक लोगों को पुरानी दरों पर पानी के बिल नहीं आया तो वह अपने साथी पार्षदों के साथ भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
इस समय शहर में पानी के बढ़े हुए रेट पर त्राहि त्राहि मची हुई है। कांग्रेस पानी के मुद्दे पर भाजपा को एक बार फिर से घेरने का मन बना रही है।इ स सदन की बैठक के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनो के अध्यक्षों ने एक दिन पहले प्री हाउस की बैठक बुला ली है। यह प्री हाउस की बैठक उनके कार्यालयों में होगी। मालूम हो कि इस समय शहरवासियों से काऊ सेस तो लिया जा रहा लेकिन सड़कों में बेसहारा पशुओं की दिक्कत दूर नहीं हुई है। जब तीन साल पहले शहरवासियों पर काऊ सेस थोपा गया था तो दावा किया गया था कि शहर से लावारिस पशुओं की दिक्कत दूर हो जाएगी। लेकिन स्थिति वैसे की वैसे बनी हुई है।जिसका शहरवासियों में भारी रोष भी है।