पचास फीसद ग्रीन कवर वाले चंडीगढ़ में पटाखों पर पूर्ण पाबंदी ठीक नहीं, प्रशासक से मिलेगी एसोसिएशन
चंडीगढ़ क्रैकर डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि चंडीगढ़ ग्रीन सिटी है। यहां प्रदूषण का स्तर दूसरे शहरों से बहुत बेहतर स्थिति में है। कई अन्य राज्यों की तरह यहां भी ग्रीन क्रैकर्स को मंजूरी दी जाए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन ने पटाखों पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है। लेकिन पटाखों की बिक्री से जुड़े डीलर्स को प्रशासन का यह फैसला रास नहीं आ रहा है। चंडीगढ़ क्रैकर डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि चंडीगढ़ ग्रीन सिटी है। यहां प्रदूषण का स्तर दूसरे शहरों से बहुत बेहतर स्थिति में है। दूसरे शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत ज्यादा है। चंडीगढ़ में यह बहुत कम है। फिर भी यहां पटाखों पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है जो कि ठीक नहीं है। चंडीगढ़ में ग्रीनरी कुल भौगोलिक एरिया का 47 फीसद है। ग्रीन कवर दूसरे शहरों में घट रहा है। यहां इसमें लगातार बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में पटाखों से यहां हवा पर दूसरे शहरों की तरह असर नहीं पड़ेगा। अब चंडीगढ़ क्रैकर डीलर्स एसोसिएशन ने प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से मिलकर यह फैसला रिव्यू करने का आग्रह करने का मन बनाया है। जिस तरह से कई राज्य सरकारों ने ग्रीन क्रैकर्स को मंजूरी दी है।
चंडीगढ़ में भी ग्रीन क्रैकर्स बेचने और जलाने की मंजूरी मांगी जा रही है। एसोसिएशन राजस्थान सरकार और पंजाब हरियाणा की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी ग्रीन पटाखों को मंजूरी दी जाए इसका आग्रह प्रशासक और एडवाइजर से करेगी। एसोसिएशन के प्रेसिडेंट देवेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि राजस्थान सरकार ने हाल ही क्रैकर डीलर्स के आग्रह पर पूर्ण पाबंदी के फैसले को संशोधन के बाद ग्रीन क्रैकर्स को मंजूरी दी है। पंजाब और हरियाणा में पहले से ही पटाखों को मंजूरी है। गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और नेश्नल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ग्रीन क्रैकर्स को मंजूरी दे रखी है। चंडीगढ़ प्रशासन को भी इस फैसले को देखते हुए राहत देनी चाहिए।
चुनाव में समर्थन के बदले मांगी पटाखों की मंजूरी
एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी चिराग अग्रवाल ने कहा कि नगर निगम के चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में वह राजीनिक दलों और चुनाव में भावी उम्मीदवारों से संपर्क करेंगे। उनसे समर्थन मांगेंगे। साथ ही चाहेंगे कि वह प्रशासन पर दबाव बनाएं और सैकड़ों लोगों के इस रोजगार को लौटाने में मदद करें। बता दें कि यूटी प्रशासन ने दशहरे से पहले ही पटाखों की बिक्री और जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी थी। कोरोना महामारी और प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लेने की बात कही गई। इसके बाद दशहरे पर कई पुलिस केस भी दर्ज किए गए। यह केस पटाखे जलाने पर दर्ज किए गए। साथ ही कई दुकान भी पटाखों की बिक्री करने की वजह से सील की जा चुकी हैं।