प्लाट का मालिकाना हक ने देने पर बीसीएल होम्स पर चंडीगढ़ कंज्यूमर कमीशन ने लगाया 25 हजार रुपये हर्जाना
चंडीगढ़ कंज्यूमर कमीशन ने बीसीएल होम्स पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया। कंपनी के खिलाफ दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 2011 में उक्त कंपनी से नया प्लाट खरीदने के लिए 2.60 लाख रुपये दिए थे लेकिन कंपनी ने उन्हें प्लाट का मालिकाना हक नहीं दिया।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। आठ साल पहले नया प्लाट खरीदने के लिए दो लाख 60 हजार रुपये देने के बाद भी उपभोक्ता को प्लाट का पजेशन और मालिकाना हक न देने पर डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने बीसीएल होम्स पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया। उपभोक्ता को मानसिक परेशान करने के लिए 15 हजार रुपये और केस खर्च के रूप में 10 हजार रुपये देने का आदेश दिया है।
वहीं, बीसीएल होम्स को नौ फीसद प्रति वर्ष ब्याज दर के साथ दो लाख 60 हजार रुपये वापस देने का भी आदेश दिया है। बीसीएल होम्स के खिलाफ सेक्टर-38सी की रहने वाली 48 वर्षीय ज्योति भाटिया ने 2019 में शिकायत दर्ज करवाई थी। मामले में सुनवाई करते हुए कमीशन ने बीसीएल होम्स के खिलाफ कमीशन ने फैसला सुनाया है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2011 में कंपनी के प्राजेक्ट में 200 स्क्वेयर यार्ड प्लाट की बुकिंग के लिए दो लाख 60 हजार रुपये दिए थे। लेकिन राशि देने के बाद भी कंपनी ने उपभोक्ता को प्लाट का मालिकाना हक नहीं दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कंपनी के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन में शिकायत दर्ज कराई।
राशि वापस करने के लिए कंपनी बनाती रही बहाने
कमीशन में दी अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ज्योति ने बताया कि जब कंपनी की ओर से उन्हें प्लाट का पजेशन नहीं दिया गया तो उन्होंने कंपनी से 2,60,000 रुपये वापस की मांग की। लेकिन कंपनी ने हर बार उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर टाल दिया। ज्योति ने बताया कि उन्होंने कंपनी को कहीं बाहर ई-मेल भी किए। लेकिन कंपनी की ओर से ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया गया।
कंपनी का कहना शिकायतकर्ता ने नहीं मांगी राशि वापस
ज्योति की शिकायत पर डिस्ट्रिक कंज्यूमर कमिशन ने बीसीएल होम्स को नोटिस जारी कर मामले में अपना जवाब दायर करने के लिए कहा। कंपनी की ओर से दायर किए गए जवाब में कहा गया कि शिकायतकर्ता ने उनसे कभी भी प्लाट के लिए दी गई राशि वापस करने की मांग नहीं की गई।
कंपनी के जवाब से कमीशन संतुष्ट नहीं
कंपनी के वकील की तरफ से जो दलील कमीशन के समक्ष रखी गई उसे कमीशन संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद कमीशन ने बीसीएल होम्स कंपनी पर शिकायतकर्ता को मानसिक परेशान करने के लिए 15,000 रुपये और केस खर्च के रूप में 10,000 रुपये जुर्माना देने का आदेश दिए।