कनाडा में Study Visa न दिलवाने पर चंडीगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी पर लगा हर्जाना, जानें पूरा मामला

चंडीगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी ने कनाडा में स्टडी वीजा दिलाने के नाम पर उपभोक्ता से एक लाख 40 हजार रुपये वसूल लिए लेकिन उपभोक्ता को वीजा भी नहीं दिया। वीजा न मिलने पर उपभोक्ता से राशि रिफंड मांगी तो कंपनी ने राशि रिफंड देने से इनकार कर दिया।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 04:26 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 04:26 PM (IST)
कनाडा में Study Visa न दिलवाने पर चंडीगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी पर लगा हर्जाना, जानें पूरा मामला
चंडीगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी ने स्टडी वीजा दिलाने के नाम पर उपभोक्ता से एक लाख 40 हजार रुपये वसूल लिए।

चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-34 स्थित गुरु अब्रॉड कंसल्टेंट्स ने कनाडा में स्टडी वीजा दिलाने के नाम पर उपभोक्ता से एक लाख 40 हजार रुपये वसूल लिए लेकिन उपभोक्ता को वीजा भी नहीं दिया। वीजा न मिलने पर उपभोक्ता से राशि रिफंड मांगी तो कंपनी ने राशि रिफंड देने से इनकार कर दिया। अब कंपनी को नौ फीसद प्रति वर्ष ब्याज दर के साथ पूरी राशि रिफंड करनी होगी। उसके अलावा उपभोक्ता काे मानसिक परेशान करने के लिए 15 हजार रुपए हर्जाना भी भरना पड़ेगा।

डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन चंडीगढ़ ने लुधियाना के नरेश कुमार की शिकायत पर गुरु अब्रॉड कंसल्टेंट्स कंपनी के खिलाफ ये फैसला सुनाया है। नरेश ने शिकायत में बताया कि कंपनी ने उन्हें कहा कि वे उन्हें कैनेडा में स्टडी वीजा के बाद दो वर्ष का वर्क परमिट भी दिला देंगे। लेकिन कंपनी ने राशि लेने के बाद भी उन्हें वीजा नहीं दिया।

कोलंबिया इंटरनेशनल कॉलेज में दाखिले की कही थी बात

शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी ने उनसे आवेदन पत्र और रिक्त स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाएं थे। उसके अलावा कंपनी ने उनका पासपोर्ट भी अपने पास रखा था।उसके कुछ दिनों के बाद कंपनी की ओर से शिकातकर्ता को कहा गया कि उनका दाखिला ऑन्टरियो (कनाडा) में कोलंबिया इंटरनेशनल कॉलेज में किया जा रहा है और उनकी ओर से 28 दिसंबर 2017 को ऑफर लेटर देने की बात भी कंपनी ने कही थी।

फ्लाइट और टिकट के लिए कंपनी करती रही टाल मटौल

नरेश ने शिकायत में यह भी बताया कि कंपनी की ओर से दाखिले की बात के बाद उन्होंने फ्लाइट और टिकट के बारे में कंपनी से संपर्क किया। लेकिन कंपनी ने उनकी कॉल नहीं उठाई। उसके बाद वो करीब दो हफ्ते तक कंपनी को लगातार कॉल और ई-मेल करते रहे लेकिन कंपनी की ओर से कोई भी रिस्पांस नहीं दिया गया।उसके बाद शिकायतकर्ता को एक कॉल आती है जिसमें कहा जाता है कि दूतावास में उपस्थित न होने के कारण उसके वीजा से रद्द कर दिया गया है। उसके बाद शिकायतकर्ता ने कंपनी से वीज़ा की अस्वीकृति का फाइल नंबर और तारीख की डिटेल मांगी तो कंपनी ने देने से इंकार कर दिया।

इन सब बातों के बाद नरेश ने कई बार कंपनी से रिफंड भी मांगा, लेकिन किसी ने उनके राशि और पासपोर्ट नहीं लौटाया। तंग होकर उन्होंने फिर कंपनी के खिलाफ डिस्ट्रिक कंज्यूमर कमीशन चंडीगढ़ में शिकायत दी।कंपनी की तरफ से कमीशन में उनका पक्ष रखने के लिए कोई पेश नहीं हुआ। कमीशन ने कंपनी को एक्स-पार्टी करार देते हुए नरेशर के हक में फैसला सुनाया। कमीशन ने कंपनी को एक लाख 40 हजार रुपये नाै फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ लौटाने के निर्देश दिए। इसके अलावा कंपनी को 15 हजार रुपए हर्जाना और सात हजार मुकदमे बाजी के अदा करने के लिए भी कहा। इस आदेश का कंपनी को 30 दिनों के अंदर पालन करना होगा।

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