गपशप...अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यालय में लगाया मंजा, नेताओं के साथ सजती है चौपाल, पढ़ें चंडीगढ़ की रोचक खबरें

कांग्रेस भवन में तो अध्यक्ष महोदय ने मंजा लगा दिया है जहां पर वह बैठकर चौपाल की शक्ल में नेताओं से चर्चा करते हैं। कांग्रेस भवन के पिछले लॉन में अध्यक्ष सुभाष चावला मंजे पर बैठते हैं और हर आने वाले नेता उनके चारों तरफ कुर्सी लगाकर बैठ जाते हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 09:36 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 09:36 AM (IST)
गपशप...अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यालय में लगाया मंजा, नेताओं के साथ सजती है चौपाल, पढ़ें चंडीगढ़ की रोचक खबरें
कांग्रेस भवन के लॉन में मंजे पर बैठे अध्यक्ष सुभाष चावला।

चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा कार्यालयों में नेताओं और टिकट के दावेदारों की भीड़ जुटने लग गई है। मौसम बदलने के कारण नेता अपने भवनों के बाहर धूप में डेरा लगा लेते हैं। धूप सेकते हुए गपशप करते हुए वह प्रत्याशी भी फाइनल कर लेते हैं। तो किसी को चुनाव जीताकर बातों बातों में मेयर भी बना देते हैं। कांग्रेस भवन में तो अध्यक्ष महोदय ने मंजा लगा दिया है, जहां पर वह बैठकर चौपाल की शक्ल में नेताओं से चर्चा करते हैं। कांग्रेस भवन के पिछले लॉन में अध्यक्ष सुभाष चावला मंजे पर बैठते हैं और हर आने वाले नेता उनके चारों तरफ कुर्सी लगाकर बैठ जाते हैं। नेताओं को टमाटर का सूप भी पिलाया जाता है, जिससे गपशप का स्वाद और बढ़ जाता है। भाजपा कार्यालय में भी एंट्री गेट के साथ ही नेताओं का जमवाड़ा लग जाता है जिनका पूरा ध्यान इस बात पर रहता है कि कौन दावेदार और कार्यकर्ता अध्यक्ष अरुण सूद को मिलने के लिए भीतर गया है। बस वह भी चाय चुस्कियां लेते हुए सुबह से लेकर शाम तक समय बिता देते हैं।

कौन रोकेगा दस्ते के खेला को

शहर के वेंडर्स अतिक्रमण हटाओ दस्ते के कर्मचारियों से खासे परेशान हैं। वेंडर्स का कहना है कि वह दस्ते के कर्मचारियों के खेले से तंग हैं। क्योंकि नगर निगम में सरकारी लाइसेंस फीस तो जमा करवानी पड़ती है इसके साथ ही दस्ते के कर्मचारियों को भी अंडर द टेंबल खुश करना पड़ता है। ऐसा न करने पर दस्ते कर्मचारी उनका चालान काट देते हैं। दस्ते के कर्मचारियों से दुखी एक वेंडर ने शराब के नशे में शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति के सामने सारी पोल खोल दी। यहां तक कि वह रोने लग गया। रोते हुए वेंडर बोला कि एक सब इंस्पेक्टर के सरकारी ट्रक चालक उससे हर सप्ताह 500 रुपये की वसूली करने आता है। अगर संडे को 100 रुपये अलग से चार्ज किए जाते हैं। जबकि महीने में दो बार चालान भी कर दिए जाते हैं। ऐसा नहीं कि इस खेल की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को नहीं है लेकिन वह कोई शिकायत न आने पर कार्रवाई नहीं कर पाते। अतिक्रमण हटाओ दस्ते के कर्मचारी सीनियर की भी परवाह नहीं करते। वहीं एक सूप की रेहड़ी लगाने वाले से एक पुलिसकर्मी हर सप्ताह 400 रुपये की मंथली मांग रहा है। अब इन वेंडर का कहना है किस किसको मंथली दें, पुलिस को या अतिक्रमण हटाओ दस्ते को।

मुझे बार बार फोन करते रहना

आम आदमी पार्टी के नेताओं के भी इन दिनों भाव बढ़ गए हैं। क्याेंकि इस बार कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणा होने वाला है। ऐसे में इनका हर नेता अपने करीबियों को टिकट दिलवाने के लिए गुगत में है। जबकि दिल्ली के आब्जर्वर अपनी अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं। इस समय भाजपा और कांग्रेस को घेरने के लिए इन नेताओं में भी होड़ लगी रहती है। ऐसे में वह अलग अलग बयान दे रहे हैं। हाल ही में पार्टी सीनियर नेताओं में जमकर बहस भी हुई है। इस समय शहर में आप ही सबसे ज्यादा कार्यक्रम कर रहे हैं। हर कार्यक्रम में दिल्ली की तर्ज पर पानी मुफ्त देने की गारंटी दी जा रही है। एक कार्यक्रम में टिकट के दावेदार ने भीड़ जुटाई, लेकिन इस कार्यक्रम में कोई भी सीनियर नेता नहीं पहुंचा। एक सीनियर नेता को फोन किया गया तो उन्होंने उस दावेदार को कहा कि जैसे जैसे लोगाें की भीड़ ज्यादा होती रहे वह उसे बार बार मोबाइल पर फोन करते रहे। इससे दावेदार नाराज हो गया कि बार बार क्यों फोन किया जाए। ऐसे में बिना सीनियर नेता के ही वह कार्यक्रम हो गया। इस समय आप उम्मीदवार घोषित करने की बजाए वार्ड प्रभारी घोषित कर रही है।ऐसा बताया जा रहा है कि जिन्हें यह जिम्मेवारी दी जा रही है उनकी टिकट फाइनल है।

बदला अध्यक्ष का व्यवहार

इस समय भाजपा में टिकट लेने वाले दावेदारों की संख्या ज्यादा है लेकिन अध्यक्ष अरुण सूद अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। यहां तक वह अपनी पार्टी के सीनियर नेताओं से भी टिकट मामले पर चर्चा करने से कनी काट जाते हैं। ऐसे में वह नेता जाे हर पल अध्यक्ष सूद का गुणगान करते रहते थे वह भी कह रहे हैं कि अध्यक्ष के व्यवहार में बड़ा बदलाव हुआ है। हाल ही में चंद नेताओं ने चर्चा शुरू करने का प्रयास किया तो अध्यक्ष सूद ने साफ कहा कि टिकट को छोड़कर कोई और बात करनी है तो की जाए। ऐसे में कई पार्षद भी इस समय कंफर्म नहीं है कि उन्हें टिकट मिलेगी या नहीं। ऐसे में वह अपनी तैयारी भी शुरू नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी इस बार कई सिटिंग पार्षदों की टिकटें भी काटने की भी तैयारी कर रहे हैं। हाल ही चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े ने एक बैठक की जिसमें उन्होंने साफ कहा कि यह नगर निगम चुनाव अरुण सूद, संजय टंडन, सांसद किरण खेर और पूर्व सत्यपाल जैन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और टिकट वितरण का निर्णय भी इन नेताओं से सलाह मशवरे के साथ होगा। ऐसे में कुछ दावेदार जो कुछ नेताओं को हल्के में ले रहे थे अब टिकट के लिए उनके घर के चक्कर काट रहे हैं।

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