चंडीगढ़ में सियासी समीकरण, कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे नेता, भाजपा को फायदा

शहर में सियासी गठजोड़ का सिलसिला चल रहा है। एक पार्टी को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने का मानो जैसे आजकल दौर चल रहा हो। लेकिन इससे सबसे ज्यादा नुकसान चंडीगढ़ कांग्रेस को हो रहा है और आम आदमी पार्टी और भाजपा को फायदा।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 04:58 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 04:58 PM (IST)
चंडीगढ़ में सियासी समीकरण, कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे नेता, भाजपा को फायदा
आप और कांग्रेस की लड़ाई में भाजपा को फायदा मिल सकता है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में सियासी गठजोड़ का सिलसिला चल रहा है। एक पार्टी को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने का मानो जैसे आजकल दौर चल रहा हो। लेकिन इससे सबसे ज्यादा नुकसान चंडीगढ़ कांग्रेस को हो रहा है और आम आदमी पार्टी और भाजपा को फायदा। क्योंकि कांग्रेस को अलविदा कहने वाले नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस छोड़कर आप में गए नेताओं के कारण आप चंडीगढ़ मजबूत हो रही है।

आप को मजबूत करने की जिम्मदारी प्रदीप छाबड़ा पर है जो कि कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और वर्तमान अध्यक्ष सुभाष चावला से नाराज होकर आप में शामिल हुए हैं। कांग्रेस को डर सता रहा है कि नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला आगे भी रहेगा। क्योंकि कांग्रेस में चुनाव लड़ने वाले दावेदार ज्यादा हैं और टिकट कम है।

उधर, आम आदमी पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस नेताओं पर अध्यक्ष सुभाष चावला का कहना है कि यह नई बात नहीं है। जब भी चुनाव होते हैं तो दूसरे दलों में नेता आते और जाते रहते हैं। आप को इस बात की खुशी हो रही है कि उन्होंने कांग्रेस के दो चार लोग अपनी पार्टी में शामिल किए हैं। जबकि इसका कोई असर नहीं पड़ता है। उनके संपर्क में भी दूसरे दल के नेता हैं जो कि टिकट पाने की शर्त पर कांग्रेस में शामिल होने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़कर जो नेता आप में गए हैं उन्हें पहले से आभास हो गया था कि कांग्रेस में उन्हें टिकट नहीं मिलने वाली है।

कांग्रेस और आप की लड़ाई का फायदा भाजपा को

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि आप और कांग्रेस की लड़ाई में भाजपा को फायदा मिल सकता है। क्योंकि निगम चुनाव में विपक्ष का जितना वोट बंटेगा उतना ही भाजपा को फायदा होगा। छाबड़ा की नजर पार्टी के सीनियर नेताओं के अलावा प्रदेश कार्यकारिणी के नेताओं पर है, जिन्हें वह तोड़कर आप में शामिल करवाना चाहते हैं। चुनाव के लिए वह अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने का भी दबाव बनाएंगे। इस समय आप की नई कार्यकारिणी बनाई जाएगी। इसमें ज्यादातर छाबड़ा के समर्थक भी शामिल होंगे। असल में छाबड़ा आप में अपने से ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल करके अपना राज चाहते हैं, ताकि वह अपने तरीके से पार्टी को चला सके।

छाबड़ा बोले- कांग्रेस में परिवारवाद

सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश सचिव यादविंदर मेहता, महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अनिता शर्मा अपने 8 साथियों के साथ आप में शामिल हुए। पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने मेहता को ज्वाइन करवाते समय जरनैल सिंह मावी को कहा कि उन्हें कांग्रेस की ओर से रोकने का काफी प्रयास किया गया। यहां तक कि उन्हें टिकट का भी ऑफर दिया गया। चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि अगले दिनों कांग्रेस के और भी नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस में सिर्फ परिवारवाद की राजनीति बची है, जिससे कांग्रेसी नेता परेशान हैं। आने वाले नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी जीतेगी और नगर निगम में आप का मेयर बनेगा।

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