मैंने कोरोना को हराया है: सकारात्मक सोच और आगे बढ़ने की ललक ने संक्रमण से निजात दिलाई
मनदीप सिंह ने कहा कि मार्च में वह कनाडा से भारत अपने मां-पिता के पास आए थे। लेकिन कोरोना के कारण एक कमरे में बंद होकर रह गए। उस समय मैंने आगे बढ़ने की सोची। प्लानिंग की कैसे अपने बिजनेस को आगे बढ़ाना है।
चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी है, इससे हम कोरोना नियमों का पालन करके ही बच सकते है। यदि नियमों के पालन के बावजूद भी किसी को कोराेना हो जाता है तो हम डॉक्टर्स की दवाई के साथ सकारात्मक सोच और आगे बढ़ने की ललक में ठीक होने का चांस है। यह कहना है बिजनेसमेन मनदीप सिंह का। मनदीप कोरोना को हराकर पूरी तरह से स्वस्थ हाेकर सामान्य जीवन जी रहे हैं।
मनदीप ने बताया कि जनवरी 2021 में कनाडा से भारत आए थे। जिसके बाद मार्च में उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ। कोरोना संक्रमण के दौरान मैंने सबसे बुरा समय देखा था क्योंकि मैं अपने काम से दूर था। मैं कनाडा से भारत अपने मां-पिता के पास आया था, लेकिन कोरोना के चलते मैं एक कमरे में बंद होकर रह गया था। उस समय मैंने आगे बढ़ने की सोच रखी, मैंने प्लानिंग की कि मैं ठीक होने के बाद खुद के बिजनेस में क्या बेहतर कर सकता हूं। मैं अपनों के साथ कैसे समय बिता सकता हूं। मेरा काम भारत के अलावा कनाडा में भी है इसलिए मैंने दोनों ही तरफ बेहतर करने की प्लानिंग की। उसी प्लानिंग ने मुझे अकेलापन महसूस नहीं होने दिया और मैं ठीक होकर 15 दिन में सामान्य जीवन में लौट आया।
सकारात्मक रहना जरूरी
मनदीप ने कहा कि सफलता पाने के लिए इंसान को सकारात्मक रहना जरूरी है। यदि मैं सोच लेता कि मुझे कोरोना हो गया और मेरा नुक्सान हो गया तो शायद मैं रिकवर नहीं कर सकता था। मैंने क्वांरटाइन होने के बाद सोचा कि यह ब्रेक हर इंसान को जीवन में एक बार अवश्य मिलती है और यह मुझे कोरोना से मिली है। मैं बाहर भागने केबजाए एक कमरे में बैठकर अपने आने वाली की प्लानिंग करता रहा जिसका परिणाम मिला कि मैं बिना परेशानी के पूरी तरह से ठीक हो गया हूं। कोरोना होने के बाद घबराने के बजाए यदि इंसान हिम्मत से काम ले और डॉक्टर की बताई हर चीज़ को फॉलो करे तो वह भी ठीक हो सकता है।