दिहाड़ीदार मजदूर और किसान के बेटों की मेहनत लाई रंग, बॉक्सर कुलदीप और सागर का नेशनल कैंप में सिलेक्शन
कुलदीप के पिता दिहाड़ीदार हैं और मजदूर काम करते हैं जबकि मां एक स्टोर में काम करती है। वहीं सागर के पिता किसान हैं और मां पिता के साथ खेतीबाड़ी के काम में सहयोग करती हैं। दोनों खिलाड़ी गरीब घर के बेटे हैं और शहर के कॉलेज में पढ़ते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मेहनत ही मंजिल तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है। इस बात को साबित कर दिखाया है शहर को दो युवा मुक्केबाजों ने, जिनका चयन नेशनल कैंप के लिए हुए है। दोनों खिलाड़ी गरीब घर के बेटे हैं और शहर के कॉलेज में पढ़ते हैं। इन दोनों युवा मुक्केबाजों का चयन बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआइ) के एलीट मेंस कैंप के लिए हुआ है। एसडी कॉलेज सेक्टर-32 में बीए फाइनल ईयर स्टूडेंट्स बॉक्सर कुलदीप और सागर अगले 14 दिनों तक एनआइएस पटियाला में सीनियर खिलाड़ियों के साथ बॉक्सिंग की प्रेक्टिस करेंगे। यह पहला मौका है जब दोनों बॉक्सर का चयन एलीट कैंप के लिए हुआ है।
कुलदीप के पिता दिहाड़ीदार हैं और मजदूर काम करते हैं, जबकि मां एक स्टोर में काम करती है। वहीं सागर के पिता किसान हैं और मां पिता के साथ खेतीबाड़ी के काम में सहयोग करती हैं। यह कैंप 23 अक्टूबर तक चलेगा। बता दें कैंप के लिए 13 अलग-अलग भारवर्ग की कैटेगरी में बेहतरीन 52 खिलाड़ियों को चयन इस कैंप के लिए किया गया हैं। नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को इस कैंप में चयनित किया गया है। इसी कैंप के बाद वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप- 2021 के लिए खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। एसडी कॉलेज के प्रिंसिपल अजय शर्मा ने दोनों खिलाड़ियों को कैंप में चयनित होने के लिए बधाई दी है।
एसडी कॉलेज -32 के बॉक्सिंग इंचार्ज और चंडीगढ़ बॉक्सिंग एसोसिएशन सेक्रेटरी प्रो. राजिंदर मान ने बताया पिछले महीने कर्नाटक के बेल्लारी में आयोजित 5वीं एलीट नेशनल चैंपियनशिप में कुलदीप और सागर ने सिल्वर मेडल जीता था। इससे सागर दो बार ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में 99 प्लस कैटेगरी के चैंपियन रहे हैं। इसके अलावा भुवनेश्वर में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था। वहीं कुलदीप इंटर कॉलेज - 2019 में गोल्ड जीता था। उन्होंने बताया कि कुलदीप और सागर कई नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में खुद को साबित कर चुके हैं।