कोरोना से ठीक हुईं चंडीगढ़ ब्लाइंड इंस्टीट्यूट की कंप्यूटर टीचर निर्मला, बोली- खुद पर विश्वास से मिली हिम्मत

चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित चंडीगढ़ ब्लाइंड इंस्टीट्यूट की कंप्यूटर टीचर निर्मला ने कोरोना को मात दी है। उन्होंने अपने आइसोलेश के दौर को साझा करते हुए बताया कि अगर खुद पर विश्वास हो तो आपकी हिम्मत और बढ़ जाती है और कोरोना को हराने में मदद मिलती है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 03:19 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 03:19 PM (IST)
कोरोना से ठीक हुईं चंडीगढ़ ब्लाइंड इंस्टीट्यूट की कंप्यूटर टीचर निर्मला, बोली- खुद पर विश्वास से मिली हिम्मत
चंडीगढ़ ब्लाइंड इंस्टीट्यूट की कंप्यूटर टीचर जिन्होंने कोरोना को हराया है।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमित होने के बाद आइसोलेशन सबसे मुश्किल भरा समय होता है। क्योंकि आप आपनों से से दूर हो जाते हैं। दिनचर्या पूरी तरह से बदल जाती है। बावजूद मुझे आइसोलेशन में जाने के बाद सुकून था, कि मेरी वजह से मेरे परिवार के किसी दूसरे सदस्य कोरोना नहीं हुआ। यह कहना है चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित ब्लाइंड इस्टीट्यूट में कंप्यूटर टीचर निर्मला का।

निर्मला कोरोना से ठीक होकर वापस काम पर आना शुरू कर चुकी है। निर्मला ने बताया कि मुझे भगवान पर विश्वास था कि मैं ठीक हो जाऊंगी। जब मुझे कोरोना के हल्के लक्षण लगने लगे तो उससे पहले ही मैं अपनी पांच साल की बेटी को उसकी मासी के घर छोड़ आई थी। पॉजिटिव आने के बाद खुद को कमरे में आइसोलेट कर लिया। मेरे सास-ससुर, जेठ, देवर और उनके बच्चे सहित पति पूरी तरह से सुरक्षित थे। इसी सुकून ने मुझे हारने नहीं दिया और मैंने खुद को व्यस्त रखने के लिए स्कूल का काम और कुछ फिल्मों को यूट्यूब पर देखती थी। 

परिवार से दूरी मुश्किल लेकिन भगवान के विश्वास ने दी हिम्मत

निर्मला ने बताया कि थोड़ी मुश्किल तब हुई जब बेटी कुछ दिन मेरे से दूर रहने के बाद मुझे कॉल करके वापस लेकर जाने के लिए बोलती थी। उसी समय मुझे मेरे परिवार का सहयोग था कि उन्होंने मुझे हर चीज आइसोलेशन में दी। मुझे भगवान पर विश्वास था कि वह जो भी करेगा वह ठीक होगा और मैं हारूंगी नहीं। इसी विश्वास ने मुझे जीत भी दिलाई। निर्मला ने कहा कि कोरोना खतरनाक महामारी है लेकिन यदि हम खुद पर विश्वास रखें तो सब ठीक हो सकता है।

chat bot
आपका साथी