गपशप... किसान आंदोलन में शामिल हुए चंडीगढ़ के भाजपा नेता, कांग्रेस अध्यक्ष बोले- मेरे पास उनकी तस्वीर

यह अंदर की बात है कि कुछ भाजपा नेता किसान आंदोलन के समर्थन में सिंघु बार्डर तक भी जा चुके हैं। हालांकि पार्टी के अन्य नेताओं को इस बात की खबर नहीं है। चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने कहा है कि उनके पास उन नेताओं के फोटो हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:12 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:12 AM (IST)
गपशप... किसान आंदोलन में शामिल हुए चंडीगढ़ के भाजपा नेता, कांग्रेस अध्यक्ष बोले- मेरे पास उनकी तस्वीर
भाजपा नेता चोरी छुपे सिंघु बार्डर तक गए थे।

राजेश ढल, चंडीगढ़। इस समय चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष और मेयर रविकांत शर्मा ने किसान आंदोलन में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। मेयर ने तो एक युवा नेता दमनप्रीत पर भी कांग्रेस को कार्रवाई करने के लिए कह दिया जो कि सेक्टर-48 में हुए प्रदर्शन में शामिल था। इसी प्रदर्शन में मेयर और भाजपा नेता संजय टंडन पर हमला हुआ था।

अंदर की बात यह है कि भाजपा के भी कई ग्रामीण नेता हैं जो कि पिछले दिनों सिंघु बार्डर में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए चोरी छुपे गए थे। इसकी भनक कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला को लग गई। सुभाष चावला ने हाल ही में एक प्रेसवार्ता में इस बात का खुलासा किया कि उन भाजपा नेताओं की तस्वीर उनके पास है, जो किसानों के समर्थन में सिंघु बार्डर गए थे। ऐसे में वह भाजपा नेता डरे हुए हैं जो प्रदर्शन में गए थे, क्योंकि वह नहीं चाहते कि उनकी पार्टी को उनके प्रदर्शन में शामिल होने की जानकारी मिले। ऐसे में चंद भाजपा नेता कांग्रेस अध्यक्ष को फोन करके पूछ रहे हैं कि वह कौन भाजपा नेता हैं जो सिंघु बार्डर में किसान आंदोलन में शामिल होने गए थे।

भाजपा ने किया अपने कार्यों का बखान

शहर के मेयर रविकांत शर्मा द्वारा किए गए उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान लोगों की परेशानी देखते हुए विरोध में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से पहले बाजी मारी। इसका भाजपा ने आप को जवाब देते हुए बयान भी जारी किया है। भाजपा प्रवक्ताओं ने आप के खिलाफ दिए गए बयान में विरोध से ज्यादा भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का गुणगान किया है। भाजपा ने बहाने से कोरोना काल में भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद और पार्टी द्वारा किए गए कार्यों को गिना दिया। जबकि इससे पहले भी भाजपा के नेता कई बार कोरोना काल में किए गए कामों को गिना चुके हैं। भाजपा नेताओं ने आप द्वारा कोरोना काल में किए गए कामों पर भी सवाल खड़ा किया। जबकि मेयर के उद्घाटन कार्यक्रमों के विरोध में कांग्रेस पिछड़ गई। इस बात का भी कई कांग्रेस नेताओं को गम है। गपशप करते हुए कई नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस के प्रवक्ता बेवजह बयान देते रहते हैं, लेकिन जहां पर बयान देने चाहिए वहां पर चुप्पी साध लेते हैं।

चेले बढ़ गए आगे

लंबे अरसे बाद कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हुआ। जिसकी संभावना थी वही हुआ। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के करीबियों को कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली। इससे नाराज छाबड़ा ने पार्टी के खिलाफ  मोर्चा खोल दिया। असल में प्रदेश कार्यकारिणी में कई जूनियर नेता ऐसे भी रहे जिन्होंने चंद सीनियर नेताओं को बाहर कर दिया और खुद जगह ले ली। चंद नेता ऐसे है जो अभी भी निचले पदों पर जमे हैं लेकिन उनके चेले आगे सीनियर पदों पर काबिज हो गए। पार्टी ने उन्हें युवा साथी कहते हुए अडजस्ट किया। यहां तक कि कुछ नेता ऐसे भी रहे जिन्हें पार्टी में आए हुए एक से दो साल ही मुश्किल से हुए हैं, लेकिन वह प्रदेश कार्यकारिणी में जगह लेने में कामयाब रहे। इस बात का भी कई नेताओं को गम है। लेकिन उन्होंने चुप्पी साध ली है। ऐसे में एक नेता का कहना है कि मौका आने पर जवाब दिया जाएगा। प्रदेश कार्यकारिणी में कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला उन नेताओं को भी बाहर करने में कामयाब रहे जिन्होंने अध्यक्ष बनने के बाद उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था। असल में चावला ने अपनी ताकत भी दिखाने का प्रयास किया है।  

दिलशेर का अंदाज

पुलिस विभाग के डीएसपी दिलशेर चंदेल जो अपने अंदाज से किसी को भी अपना दोस्त बना लेते हैं। डीएसपी दिलशेर चंदेल हर दिन सुबह सवेरे शांति कुंज और रोज गार्डन में सैर करते हैं। सैर करने के दौरान जहां वह नए बनाए गए दोस्तों की तस्वीर खीचतें हैं, वहीं हरियाली और प्राकृति की तस्वीरें खींच कर उन्हें सोशल मीडिया में शेयर करते हैं। यहां तक कि वह यह तस्वीरें मोबाइल पर अपने जानकारों को भी शेयर करते हैं। यह सिलसिला उनका हर दिन जारी रहता है। इसलिए सैर करते करते तस्वीरें खींचने से उनका समय भी ज्यादा लग जाते हैं। डीएसपी दिलशेर चंदेल कभी कभार सुबह सेवरे अपने दोस्तों और जानकारों को चाय नाश्ता भी करवाते हैं। जिससे हर कोई उनसे खुश भी रहता है। बारिश में भी वह सैर करने के लिए अपने घर से निकल जाते हैं। कभी कबार वह पंजाबी शायर भी बन जाते हैं। उनका यह अंदाज सिर्फ सैर के समय ही होता है जबकि ड्यूटी के समय वह ड्यूटी ही करते हैं। कई बार वह सामने वाली की क्लास भी लगा देते हैं। 

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