चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस को अमल में लाएंगे अन्य राज्य

कोरोना से निपटने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने समय रहते जरूरी कदम उठाए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 06:02 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 06:02 AM (IST)
चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस को अमल में लाएंगे अन्य राज्य
चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस को अमल में लाएंगे अन्य राज्य

बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : कोरोना से निपटने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने समय रहते जरूरी कदम उठाए। अब इन बेस्ट प्रेक्टिस की प्रेजेंटेशन बनाकर देश के दूसरे राज्यों से साझा की जाएगी। इससे वह भी इन्हें अपने जिलों में लागू कर सकें। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूटी प्रशासन की इन बेस्ट प्रेक्टिसेज की सराहना कर इसकी प्रेजेंटेशन मांगी है, जिसे देश के दूसरे राज्यों से भी साझा किया जा सके।

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कई जिलों के डिप्टी कमिश्नर से वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए चर्चा कर उनके जिलों का हाल जाना। इस बीच चंडीगढ़ के डीसी मनदीप सिंह बराड़ को सिटी में कोविड मैनेजमेंट पर प्रेजेंटेशन देने के लिए चुना गया था। उन्होंने प्रेजेंटेशन के जरिए यही बेस्ट प्रेक्टिस प्रधानमंत्री, वीसी में जुड़े गृह मंत्री अमित शाह और देश के विभिन्न जिलों के डीसी के सामने रखी।

इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ में बड़ी संख्या में सीनियर सिटीजन रहते हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक रहता है। यूटी प्रशासन ने महामारी से बचने के लिए जो अहम कदम उठाए हैं, वह सराहनीय हैं। इसके बाद ही उन्होंने दूसरे राज्यों के लिए भी बेस्ट प्रेक्टिस की प्रेजेंटेशन तैयार करने की इच्छा जताई। ये हैं चंडीगढ़ की बेस्ट प्रेक्टिस::

- हेल्थ एक्सपर्ट से करते हैं चर्चा

चंडीगढ़ अब अकेला शहर नहीं है। पंचकूला और मोहाली सटे होने से यह ट्राईसिटी बन चुका है। तीनों शहर में आपसी सहयोग के लिए प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन मीटिग शुरू की। सप्ताह में दो बार यह मीटिग होती है जिसमें तीनों शहर के डीसी और हेल्थ एक्सपर्ट कोरोना को लेकर हालात पर चर्चा करते हैं। सीनियर डाक्टरों और विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही निर्णय लिए जाते हैं। - तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए

केंद्र सरकार से मंजूरी और सहयोग मिलते ही जीएमसीएच-32, जीएमएसएच-16 और सिविल हॉस्पिटल सेक्टर-48 में ऑक्सीजन प्लांट सेटअप करने का काम शुरू कर दिया था। दूसरी लहर से पहले ही यह तीनों प्लांट ऑपरेशनल मोड पर थे। इन तीनों हॉस्पिटल की ऑक्सीजन आपूर्ति में इन प्लांट का बड़ा रोल रहा। कांटेक्ट ट्रेसिग और टेस्टिग बढ़ाई। - ऑक्सीजन का कराया ऑडिट

ऑक्सीजन की किल्लत न हो इसलिए ऑक्सीजन सप्लाई नोडल अधिकारी नियुक्त किया। उन्होंने सप्लाई चेन के साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में खपत का ऑडिट कराया। कई प्राइवेट अस्पतालों में क्षमता से अधिक खपत मिली उनकी जांच कराई। एक-एक सिलेंडर और बूंद-बूंद लिक्विड ऑक्सीजन का हिसाब रखा जा रहा। प्राइवेट हॉस्पिटल का ऑक्सीजन कोटा निर्धारित है। घरों में सिलेंडर के लिए ई-परमिट जारी होता है। हिमाचल के बरोतीवाला से ऑक्सीजन कंटेनर को पुलिस एस्कॉर्ट दी। एसडीओ स्तर के दो अधिकारी बरोतीवाला प्लांट में तैनात किए। - संस्थाओं से बनवाए मिनी कोविड केयर सेंटर

अप्रैल के शुरू में सक्रिय मरीज इतने बढ़े की बेड किल्लत बढ़ने लगी। तुरंत हरकत में आकर संस्थाओं से मिनी कोविड केयर सेंटर स्थापित करने का आग्रह किया। 48 घंटों में ही 300 ऑक्सीजन बेड के सेंटर तैयार हो गए। अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से 500 ऑक्सीजन बेड तैयार हो चुके हैं। परिणाम यह रहा कि अब करीब 200 बेड खाली हैं। - प्राइवेट हॉस्पिटल पर नकेल, एंबुलेंस के रेट तय

प्राइवेट हॉस्पिटल में ओवरचार्जिग की शिकायत बढ़ी तो इलाज के रेट निर्धारित कर दिए। छह अस्पतालों को पैसे वापस करने के निर्देश हो चुके हैं। ओवरचार्जिग न हो इसलिए रेट अधिसूचित कर अस्पतालों के रिसेप्शन पर लिस्ट लगाने के निर्देश दिए। शिकायत के लिए हेल्पलाइन शुरू की। प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों की मनमानी रोकने के लिए इनके रेट भी तय कर दिए।

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