चंडीगढ़ के कलाकार वरुण टंडन की कलाकारी, गोलियों के खोल से बनाया कारगिल हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा का पोट्रेट
पोट्रेट तैयार करने वाले कलाकार वरुण ने बताया कि कैप्टन बत्रा ने कारगिल युद्ध में न सिर्फ अदम्य साहस दिखाया उसके साथ उन्होंने देश की रक्षा के लिए खुद की शहादत तक दे दी। कैप्टन बत्रा ने बहुत ही छोटी उम्र में वह काम करके दिखा दिया।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। शहर के कलाकार वरुण टंडन ने 26 जुलाई यानि कारगिल विजय दिवस को लेकर कारगिल हीरो परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा को खास तौर पर श्रद्धाजंलि देने के लिए तैयारी की है। वरुण ने पंजाब यूनिवर्सिटी में स्थापित कैप्टन विक्रम बत्रा शूटिंग रेंज में मिले गोलियों के खोल (फायर केस) से शहीद कैप्टन बत्रा का पोट्रेट बनाया की। इसे तैयार करने में वरुण ने तीन दिन लगे हैं। तीन फीट के फोटो में करीब एक हजार से ज्यादा खोल का इस्तेमाल किया गया है।
पोट्रेट तैयार करने वाले कलाकार वरुण ने बताया कि कैप्टन बत्रा ने कारगिल युद्ध में न सिर्फ अदम्य साहस दिखाया उसके साथ उन्होंने देश की रक्षा के लिए खुद की शहादत तक दे दी। कैप्टन बत्रा ने बहुत ही छोटी उम्र में वह काम करके दिखा दिया जो कि आम व्यक्ति सोच भी नहीं सकता था। लगातार युद्ध करते हुए दो चोटियां को दुश्मनों से आजाद कराने के साहस काे देखते हुए भारत सरकार ने कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया था। यह भारतीय सेना का यह सबसे उच्चतम वीरता मेडल है। इसके अलावा डीएवी कालेज सेक्टर-10 में भी कैप्टन बत्रा के स्टेच्यू स्थापित किया गया है और पंजाब यूनिवर्सिटी में कैप्टन बत्रा के नाम की शूटिंग रेंज है। जिसमें शहर का हर शूटर आकर ट्रेनिंग करते हैं।
हर युवा को होनी चाहिए कैप्टन बत्रा की जानकारी
वरुण ने कहा कि कैप्टन बत्रा ने सिर्फ कारगिल के बल्कि पूरे देश के हीरो थे। उनके बारे में आज और आने वाली पीढ़ियों को भी जानकारी होनी जरूरी है। शहीद भगत सिंह के बाद यदि देश के लिए किसी युवा ने साहस दिखाया तो वह परमवीर चक्र कैप्टन विक्रम बत्रा थे। उनके बारे में हर व्यक्ति को जानकारी होनी चाहिए ताकि सभी देश के लिए कुछ बेहतर करने का प्रयास करें और देश विकास कर सके।