शहर में रोड एक्सीडेंट को रोकने के लिए IRAD प्रोजेक्ट को इंप्लीमेंट करेगा चंडीगढ़ प्रशासन, जानें क्या है खासियत
चंडीगढ़ की सड़कों पर हादसों में कमी लाने के लिए प्रशासन काम कर रहा है। प्रशासन के विभिन्न विभाग इस पर काम करेंगे। इसके लिए प्रशासन इंटेग्रेटेड रोड एक्सीडेंट्स डाटाबेस (आइआरएडी) प्रोजेक्ट को शहर में इंप्लीमेंट करने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ की सड़कों पर रोड एक्सीडेंट आम हो गए हैं। हालांकि ज्यादातर मामलों में वाहन चालकों की लापरवाही इन हादसों का मुख्य कारण बनती हैं। ऐसे में शहर में सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब प्रशासन के अलग-अलग डिपार्टमेंट मिलकर संयुक्त रूप से काम करेंगे। पुलिस, इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्ट, हाईवे और हेल्थ यह सभी डिपार्टमेंट मिलकर कॉमन प्लेटफार्म पर काम करेंगे। इतना नहीं दुर्घटनाओं का साइंटिफिक डाटा भी जुटाया जाएगा। इससे यह सभी डिपार्टमेंट एक्सीडेंट के कारणों का विश्लेषण कर ऐसे हादसे रोकने के लिए जरूरी समाधान खोज सकेंगे। यह सब इंटेग्रेटेड रोड एक्सीडेंट्स डाटाबेस (आइआरएडी) प्रोजेक्ट से होगा।
देश के सभी केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ सबसे पहले इसे इंप्लीमेंट कर रहा है। भारत सरकार के परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के इस प्रोजेक्ट को शहर में लागू किया जा रहा है। सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को तमिलनाडू सरकार ने लागू किया था। वहां सभी डिपार्टमेंट के संयुक्त प्रयास से रोड एक्सीडेंट में बहुत कमी आई। अब इस प्रोजेक्ट को पूरे देश में रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री लागू कर रही है।
डाटा एप पर मिलेगा
इसमें मोबाइल एंड वेब बेस्ड आइआरएडी एप होगी। जिस पर जांच अधिकारी और दूसरे विभागों के अधिकारी एक्सीडेंट से संबंधित डाटा सीधे अपलोड कर सकेंगे। यह पहले से चल रही एप्लीकेशन के साथ भी इंटेग्रेटेड होगा। इनमें सीसीटीएनएस, वाहन, सारथी जैसी एप्लीकेशन शामिल हैं। यह इन सभी डिपार्टमेंट में निर्बाध डाटा के फ्लो को सुनिश्चित करेगा। आईआरएडी एप से सभी अधिकारियों और स्टाफ को सहज बनाने के लिए ओरियंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम होगा।
एसएसपी ट्रैफिक नोडल अधिकारी
एसएसपी ट्रैफिक को इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए मुख्य नोडल अधिकारी बनाया गया है। हालांकि हेल्थ, इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्ट और पुलिस जैसे डिपार्टमेंट से भी नोडल अधिकारी होंगे। जो अपने डिपार्टमेंट से जुड़े कार्य को लीड करेंगे।