चंडीगढ़ में आज बिजली गुल हुई तो जल्दी नहीं आएगी, एक दिन की हड़ताल पर हैं विभाग के कर्मचारी

यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि हड़ताल बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ बिजली संशोधन बिल को रद करने निजीकरण के दस्तावेज स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट को निरस्त करने और मुनाफे में चल रहे शहर के बिजली विभाग का निजीकरण रोकने के लिए है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 10:50 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 10:50 AM (IST)
चंडीगढ़ में आज बिजली गुल हुई तो जल्दी नहीं आएगी, एक दिन की हड़ताल पर हैं विभाग के कर्मचारी
चंडीगढ़ के बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। सोमवार को शहर की बिजली गुल होने पर दोबारा सप्लाई बहाल होने में समय लग सकता है क्योंकि बिजली कर्मचारी हड़ताल पर है। निजीकरण के विरोध में यूटी पावरमैन यूनियन ने एक दिन की हड़ताल की घोषणा की है। वहीं, यूटी प्रशासन ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। मालूम हो कि इस समय बच्चों के स्कूल बंद होने और कई कर्मचारियों के वर्क एट होम होने के कारण बिजली की खपत बढ़ गई है। गर्मी के दस्तक देने के साथ ओवरलोड होने पर बिजली के अघोषित कट पहले से लग रहे हैं। ऐसे में बिजली गुल होने पर लोगों को खासी परेशनी का सामना करना पड़ेगा।

प्रशासन ने यह भी कहा कि हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने बिजली उपभोक्ताओं से भी सहयोग की अपील की है। बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है। प्रशासन से लोगों को कहा है कि अगर किसी भी तरह की कोई तोड़फोड़ करता है तो इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल में दी जाए।

यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि हड़ताल बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ बिजली संशोधन बिल को रद करने, निजीकरण के दस्तावेज स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट को निरस्त करने और मुनाफे में चल रहे शहर के बिजली विभाग का निजीकरण रोकने के लिए है।

प्रशासन निजीकरण करने के लिए कंपनियों के बिड भी मंगवा चुकी है। इसके लिए टाटा ग्रुप, रिलांयस, अडानी सहित 20 से अधिक प्राइवेट कंपनियों ने आवेदन किया है। पावरमैन यूनियन का कहना है कि बिजली विभाग मुनाफे में है और लोगों को सस्ते दामों में बिजली दे रहा है तो इसे निजी कंपनियों को क्यों सौंपा जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से सभी केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली के प्राइवेटाइजेशन को लेकर नई पॉलिसी बनाई जा रही है।

बता दें कि चंडीगढ़ का बिजली विभाग इस समय 200 करोड़ के मुनाफे में है। फासवेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू का कहना है कि प्रशासन को बिजली को छोड़कर पानी की सप्लाई का निजीकरण करना चाहिए क्योंकपानी की सप्लाई से नगर निगम को साल 100 करोड़ का घाटा हो रहा है।

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