किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, कल से ही शुरू होगी धान की खरीद
पंजाब एवं हरियाणा में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने कल यानी रविवार से धान खरीद शुरू करने का एलान किया है। इससे पहले सरकार रबी की फसलों की कीमत धान की कटाई शुरू करने से पहले ही घोषित कर दी थी।
चंडीगढ़ [इंदप्रीत सिंह]। पंजाब और हरियाणा में चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने आज धान की खरीद एक सप्ताह पहले ही शुरू करने की इजाजत दे दी है। हालांकि पंजाब सरकार की ओर से ऐसी कोई मांग भी नहीं की गई थी। किसानों के विरोध के बीच यह लगातार केंद्र का दूसरा फैसला है। इससे पहले सरकार रबी की फसलों की कीमत धान की कटाई शुरू करने से पहले ही घोषित कर दी थी।
काबिलेगौर है कि तीन नए खेती विधेयकों को लेकर किसान लगातार पंजाब और हरियाणा में विरोध कर रहे हैं। उनकी आशंका है कि नए खेती विधेयकों से मंडियां टूट जाएंगी और एमएसपी सिस्टम खत्म हो जाएगा। उधर, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार ये आश्वस्त कर रहे हैं कि सरकार एमएसपी को खत्म नहीं करेगी, इसीलिए अपनी बात को रखने के लिए सरकार ने लगातार ये दो कदम उठाए हैं। रबी की फसल के लिए एमएसपी काफी पहले निर्धारित कर दिया है, जबकि इससे पहले यह अक्टूबर के अंत में हीे होता है जब किसान गेहूं की बोआई शुरू करते हैं। दूसरा कदम आज उठाते हुुए धान की खरीद 26 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू कर दी है। मंडी बोर्ड रविवार से धान की खरीद शुरू करेगा।
केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा है कि पंजाब और हरियाणा में धान की आवक इस बार जल्दी शुरू हो गई है, जिसे देखते हुुए धान की खरीद एक अक्टूबर के बजाय 26 सितंबर से शुरू की जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि केंद्र सरकार ने 26 सितंबर को ही पत्र जारी किया है।
सरकार के इस फैसले से सठ्ठी किस्म की धान ( जो फसल साठ दिन में पकती है) जो मंडियों में पहले आ जाती है भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक जाएगी। अन्यथा सरकारी एजेंसियों की गैर मौजूदगी में प्राइवेट प्लेयर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर काम कीमत पर धान की खरीद शुरू कर देते हैं। सरकार को इसका फायदा यह होगा कि मंडियों में वह पहले ही खरीद शुरू कर देगी और कोरोना के चलते इस बार भी किसानों को कूपन देकर मंडियों में अपनी फसल को लाने को कहा जाएगा। यानी सरकार के पास खरीद के लिए एक सप्ताह का समय और बढ़ जाएगा।