अब नहीं रुकेंगे चंडीगढ़ के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, केंद्र सरकार से आई बड़ी खुशखबरी

केंद्र सरकार ने 20 फीसद बजट खर्च करने पर लगी रोक अब हटा दी है। यूटी प्रशासन अब इस वित्त वर्ष के बचे दो क्वार्टर में पूरा बजट खर्च कर सकता है। बजट कट के कारण रुके प्रोजेक्ट्स को अब दोबारा से शुरू किया जा सकेगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:52 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:52 AM (IST)
अब नहीं रुकेंगे चंडीगढ़ के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, केंद्र सरकार से आई बड़ी खुशखबरी
केंद्र सरकार ने बजट पर खर्च के लिए लगाई रोक को अब हटा दिया है। सांकेतिक चित्र

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने से जिंदगी पटरी पर लौट आई है। अब आर्थिक हालत सुधारने पर फोकस रहेगा। शहर के विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ी खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार ने बजट पर खर्च के लिए लगाई रोक को अब हटा दिया है। अब वह कार्य भी हो सकेंगे, जिन्हें बजट कटौती की वजह से रोक दिया गया था। केंद्र सरकार ने 20 फीसद बजट खर्च करने पर लगी रोक अब हटा दी है।

यूटी प्रशासन अब इस वित्त वर्ष के बचे दो क्वार्टर में पूरा बजट खर्च कर सकता है। साथ ही वह रुके प्रोजेक्ट्स, जिन्हें बजट कट की वजह से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, उन्हें दोबारा से शुरू किया जा सकेगा। दरअसल केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए प्रति क्वार्टर पांच फीसद बजट कम खर्च के आदेश जारी कर रखे थे। यह आदेश पिछले वित्त वर्ष से ही लागू थे। कोरोना महामारी में आपात स्थिति को देखते हुए यह रोक लगाई गई थी।

बचे दो क्वार्टर में विकास कार्यों को मिलेगी गति

पिछले साल सभी चार क्वार्टर में बजट कटौती लागू थी। इस साल भी पहले दोनों क्वार्टर अप्रैल से जून और फिर दूसरे क्वार्टर जुलाई से सितंबर तक पांच फीसद बजट नहीं खर्च करने के आदेश वित्त मंत्रालय ने दिए थे। अब इसे हटा लिया है। इसका फायदा साल के बचे दो क्वार्टर अक्टूबर से दिसंबर और फिर जनवरी से मार्च तक मिलेगा। इन दोनों ही क्वार्टर में पूरी क्षमता के साथ बजट खर्च किया जा सकता है। प्रति क्वार्टर 25 फीसद बजट खर्च करने का लक्ष्य होता है। पहले दो क्वार्टर में बजट खर्च कम होने पर कट भी लग जाता है। 2015 में ऐसा हो चुका है।

डीए तक करना पड़ा था फ्रीज

महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने नए वाहन खरीदने पर रोक लगा दी थी। नगर निगम को मिलने वाले ग्रांट इन एड भी रोक ली गई थी। इसके अलावा कई डिपार्टमेंट को मिलने वाला फंड भी रोक दिया गया था। कर्मचारियों का डीए तक रिवाइज्ड नहीं किया गया। इसे फ्रीज कर दिया गया था। यूटी प्रशासन ने सभी डिपार्टमेंट को नए प्रोजेक्ट प्लान नहीं करने के आदेश दिए थे। पुराने चल रहे प्रोजेक्ट को ही पहले पूरा करने के लिए कहा गया था।

केवल 48 करोड़ ही ज्यादा मिला था इस बार

यूटी प्रशासन को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वित्त मंत्रालय से 5186 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें रेवेन्यू हेड के तहत 4567 करोड़ और कैपिटल हेड के तहत 618 करोड़ रुपये मिले थे। पिछले साले से पहले ही केवल 48 करोड़ रुपये अधिक मिले थे। ऊपर से कोरोना महामारी की वजह से 20 फीसद फ्रीज हो गया था।

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