पंजाब के गैर भाजपा दलों ने कहा- ग्रामीण विकास निधि पर बदले की राजनीति कर रही केंद्र सरकार

पंजाब में ग्रामीण विकास निधि पर राजनीति तेज हो गई है। राज्‍य के गैर भाजपा दलों ने इस पर केंद्र सरकार के रुख पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस शिअद और आप ने कहा कि केंद्र सरकार इस पर बदले की राजनीति कर रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:16 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:16 AM (IST)
पंजाब के गैर भाजपा दलों ने कहा- ग्रामीण विकास निधि पर बदले की राजनीति कर रही केंद्र सरकार
पंजाब कोग्रेस अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ और शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल।

चंडीगढ़, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं पर दिया जाने वाला ग्रामीण‍ विकास निधि (आरडीएफ) समाप्त की कवायद की भाजपा को छोड़ पंजाब के अन्य राजनीतिक पार्टियों ने तीखी आलोचना की है। पंजाब के गैर भाजपा दलों ने कहा कि केंद्र सरकार ग्रामीण विकास निधि पर पंजाब के साथ बदले की राजनीति कर रही है।

जाखड़ ने कहा- राज्यों को नगरपालिका बना देना चाहती है केंद्र सरकार

पंजाब में सत्तारूढ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने केंद्र सरकार के रुख की तीखी आलोचना की। उन्‍हांंने इस संबंध में ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। जाखड़ ने पूछा है कि आखिर यह किस तरह का कोआपरेटिव फेडरलिज्म है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार राज्यों को नगरपालिका बनाना चाहती है। कृषि कानूनों का विरोध करने के चलते ही इस पर रोक लगाई गई है।

केंद्रीय पूल के टैक्सों में राज्यों की हिस्सेदारी भी घटी

उन्होंने कहा कि एक ओर राजनाथ सिंह और नरेंद्रसिंह तोमर राज्यों को विश्वास दिला रहे हैं कि टैक्सों को किसी भी कीमत में नहीं हटाया जाएगा और दूसरी ओर आरडीएफ रोककर केंद्र सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है। जाखड़ ने कहा कि इससे  पहले जीएसटी मुआवजा राशि कई महीनों से नहीं दी जा रही है केंद्रीय पूल के टैक्सों में राज्यों की हिस्सेदारी को भी कम कर दिया है।

विकास पर पड़ेगा असर : सुखबीर

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि 1100 करोड़ रुपये के आरडीएफ का भुगतान करने से मना करके हमारी उस आशंका की पुष्टि हो गई है कि केंद्र सरकार ने मंडीकरण सिस्टम को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।  उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि इससे पंजाब में खाद्यान्न खरीद प्रणाली पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आरडीएफ से राज्य को मिलने वाले धन, जो लगभग 1850 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है, का उपयोग 1800 मंडियों और 70 हजार किलोमीटर ग्रामीण संपर्क सड़कों के रखरखाव के लिए किया जा रहा है।

पंजाब के मामलों में दखल : चीमा

आम आदमी पार्टी ने केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह आरडीएफ के खर्चे पर श्‍वेतपत्र जारी करें। इससे मोदी सरकार की ओर से फंड में गड़बड़ी के आरोपों का सच भी लोग जान पाएंगे। विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह मोदी सरकार का बदले की राजनीति के साथ उठाया गया गैर-जिम्मेदाराना कदम और राज्यों के आंतरिक मामले में अनावश्यक दखल है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने केंद्र से भीख नहीं, बल्कि हक मांगा है। यह तीन फीसद फंड पंजाब की खरीद एजेंसियों की ओर से दी जाने वाली सेवा के बदले केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय से वसूल किया जाता है।

फंड का दुरुपयोग कर रहे कैप्टन : चुग

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने आरोप लगाया कि केंद्र ने जो पैसा गांवों के विकास के लिए भेजा था, कैप्टन उसका उपयोग अपने शाही खर्चाें को पूरा करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि केंद्र ने फंड रोका नहीं है बल्कि कैप्टन सरकार से आरडीएफ का हिसाब पूछ रही है। इसके साथ ही चुग ने कैप्टन से पूछा कि केंद्र सरकार ट्रेनें चलाना चाहती है तो प्रदेश सरकार सुरक्षा का आश्वासन क्यों नही दे रही है। रेलवे ड्राइवर और गार्ड प्रदेश सरकार की लिखित सुरक्षा आश्वासन के बिना ट्रेन चलाने को तैयार नहीं हैं। कैप्टन सरकार के इसी रवैये के कारण रोजाना 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

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