चंडीगढ़ की गोशाला में रख रखाव के अभाव में मर रहे मवेशी, काऊ सेस से करोड़ों रुपये कमा रहा प्रशासन

चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 की गोशाला की हालत बद्दतर है। गाोशाला में आठ सौ के करीब गाय हैं। रखरखाव के अभाव में गायों की जान जा रही है। बीमार गायों के लिए डॉक्टर की सुविधा तक नहीं है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 01:47 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 01:47 PM (IST)
चंडीगढ़ की गोशाला में रख रखाव के अभाव में मर रहे मवेशी, काऊ सेस से करोड़ों रुपये कमा रहा प्रशासन
चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 की गोशाला की हालत बद्दतर है।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के लावारिस मवेशियों के लिए चंडीगढ़ (Chandigarh) में तीन गोशालाएं हैं। जिसमें सैकड़ों गोधन को रखा गया है। चंडीगढ़ प्रशासन काऊ सेस (Cow Ses in Chandigarh) के नाम पर करोड़ाें कमा रहा है लेकिन प्रशासन के अधीन चल रहा चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 की गोशाला की हालत बद्दतर है। गाोशाला में आठ सौ के करीब गाय हैं।

हालात यह हैं कि गोशाला में गायों का रख रखाव सही तरह से नहीं हो रहा है। गोशाला में ही गोबर के ढेर लगे हुए हैं। गोबर के ढेर इतने बड़े लग चुके हैं कि यह दीवार के समान प्रतीत हाेने लगे हैं। इसके चलते कई प्रकार की बीमारियों फैल रही है और गायों मौत हो रही है। गाय के मरने के बाद उन्हें उठाने वाला कोई नहीं है, जिसके चलते मृत मवेशी गोशाला में ही पड़े हैं और गल रही हैं।

प्रशासन और नगर निगम को ध्यान देने की जरूरत

चंडीगढ़ कांग्रेस नेता शशिशंकर तिवारी ने कहा कि नगर निगम में भाजपा सरकार गायों की रक्षा के नाम पर आंदोलन तक करने को तैयार रहती है, लेकिन उनके ही राज में गोशाला की हालत बेहद खराब है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन भी काऊ सेस लगाकर करोड़ों कमा रहा है लेकिन गोशाला में गायों का रख रखाव नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम कमिश्नर से मिलेगा और गोशाला की स्थिति को सुधारने के लिए अपील करेगा। इस समय गाायों को खाने के नाम पर सिर्फ सूखी तूड़ी दी जा रही है। उन्हें खुराक के नाम पर मिलने वाली फीड तक नहीं दी जा रही। पीने के पानी की स्थिति बेहद खराब है। हम प्रशासन से भी मांग करेंगे कि गोशाला की खराब स्थिति की जांच कराए, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।

वर्ष 2020 में भी दिया था 15 दिन का धरना

शशिशंकर तिवारी ने कहा कि जनवरी 2020 में भी गोशाला की स्थिति खराब थी उस समय हमने इसे सुधारने के लिए 15 दिन लगातार धरना दिया था, जिसके बाद स्थिति को थोड़ा ठीक किया गया था। बावजूद अब स्थिति फिर से वैसी ही हो रही है। बीमार गायों के चेकअप के लिए कोई डॉक्टर नहीं है। इसके चलते आए दिन गाय मर रही हैं।

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