पुलिस कर्मचारी को जाति सूचक शब्द बोलने का मामला: आयोग ने चंडीगढ़ के DC और SSP से सात दिन में मांगी रिपोर्ट

चंडीगढ़ में सेक्टर-26 स्थित पुलिस अस्पताल में जाति सूचक शब्द बोलने के मामले में अब नया मोड़ सामने आ गया है। मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के गत 23 जून के नोटिस समेत 12 जुलाई के रिमांइडर का जवाब न दिए जाने पर आयोग ने सख्त रवैया अपनाया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:42 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:42 AM (IST)
पुलिस कर्मचारी को जाति सूचक शब्द बोलने का मामला: आयोग ने चंडीगढ़ के DC और SSP से सात दिन में मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग डीसी और एसएसपी से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-26 पुलिस अस्पताल में पुलिस कर्मी को जाति सूचक शब्द बाेलने के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने चंडीगढ़ के डीसी और एसएसपी को नोटिस कर एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई है। इससे पहले आयोग की ओर से डीसी व एसएसपी चंडीगढ़ द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के 23 जून व 12 जुलाई के रिमांइडर का जवाब न दिए जाने पर आयोग ने सख्त रूप अपनाते हुए दोनों अधिकारियों को दोबारा नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि चंडीगढ़ के पुलिस विभाग अधीन आते आइ/सी पुलिस अस्पताल के एसएमओ डॉ. अरविंद पाल सिंह द्वारा पुलिस कर्मचारी को कमरे में अभद्र भाषा व जाति सूचक शब्द बोलने व उसे नौकरी से निकालने की धमकी देने के मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने चेयरमैन विजय सांपला के आदेशों पर चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्रर व एसएसपी को नोटिस जारी कर मामले की जांच कर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रिमांइडर भी डाला गया, लेकिन उसका जवाब भी नहीं आया। इसलिए आयोग ने सख्त रवैया अपनाते हुए अब 7 दिन के भीतर मामले की लेटेस्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

आयोग ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों न्याय दिलाना आयोग की प्राथमिकता है। अगर आयोग को सात दिनों में जवाब नहीं मिला तो आयोग संविधान की धारा 338 के तहत मिली सिविल कोर्ट की पॉवर का उपयोग करते हुए संबंधित अफसरों को व्यक्तिगत तौर पर आयोग के आगे हाजिऱ होने के समन जारी कर सकता है।

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