चंडीगढ़ में नौकरी से निकाले गए कांट्रेक्ट कंप्यूटर टीचर्स मामले में डीएसई 1 जुलाई काे कैट में देंगे जवाब

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में कार्यरत कांट्रेक्टर कंप्यूटर टीचर्स को अक्टूबर 2020 में नौकरी से निकाल दिया गया था। नौकरी से निकाले गए 58 कंप्यूटर शिक्षकों के मामले में डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन (डीएसई) रूबिंदरजीत सिंह बराड़ कैट में हाजिर होकर जबाव देंगे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 02:21 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 02:21 PM (IST)
चंडीगढ़ में नौकरी से निकाले गए कांट्रेक्ट कंप्यूटर टीचर्स मामले में डीएसई 1 जुलाई काे कैट में देंगे जवाब
डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन (डीएसई) रूबिंदरजीत सिंह बराड़ (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में कार्यरत कांट्रेक्टर कंप्यूटर टीचर्स को अक्टूबर 2020 में नौकरी से निकाल दिया गया था। नौकरी से निकाले गए 58 कंप्यूटर शिक्षकों ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट (कैट) में विभाग के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसके बाद कैट ने उक्त सभी शिक्षकों को नौकरी पर रखने के आदेश दिए थे। बावजूद इन्हें नौकरी पर नहीं रखा गया। अब इस मामले में डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन (डीएसई) रूबिंदरजीत सिहं बराड़ कैट में हाजिर होकर जबाव देंगे।

कैट ने डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन को एक जुलाई को ऑनलाइन माध्यम से पेश होकर जबाव देने के आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार डायरेक्टर या फिर विभाग के आला अधिकारी को कोर्ट की कार्रवाई में शामिल होकर जबाव देना होगा। जिसमें विभाग को बताना होगा कि टीचर्स को सेवामुक्त करने का क्या कारण था और कोर्ट के आदेश होने के बावजूद भी टीचर्स को नौकरी पर क्यों नहीं रखा गया। 

जून 2020 में कांट्रेक्टर बदलने के बाद शुरू हुआ था बवाल

नौ जून 2020 को शिक्षा विभाग में कार्यरत 155 कंप्यूटर टीचर्स और ऑपरेटर से काम लेने वाले कांट्रेक्टर को बदला गया। नए कांट्रेक्टर ने टीचर्स से काम पर बने रहने के लिए पैसों की डिमांड की। टीचर्स ने जब पैसे देने से इंकार किया तो कांट्रेक्टर ने टीचर्स का वेतन रोक दिया। टीचर्स ने शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासन के आला अधिकारियों को मामले की शिकायत की, लेकिन विभाग ने कांट्रेक्टर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की और कंप्यूटर टीचर्स से सितंबर 2020 तक काम लिया। एक अक्तूबर को विभाग के आला अधिकारियों ने बिना कोई आर्डर जारी किए स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर को आगे करके कांट्रेक्ट टीचर्स को नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद कुछ टीचर्स ने कैट की शरण ली।

कैट ने रिज्वाइनिंग के दिए आदेश, विभाग ने नहीं किया अमल

कैट ने नवंबर 2020 में टीचर्स की सितंबर 2020 तक की सैलरी जारी और रेगुलर पोस्टें भरने तक कांट्रेक्ट पर काम कर रहे टीचर्स को दोबारा से बहाल करने के निर्देश दिए। कैट की शरण में गए किसी भी टीचर्स को विभाग ने ज्वाइन नहीं कराया। जिन टीचर्स ने मजबूरी में कांट्रेक्टर को पैसे दिए थे उन्हें ही नौकरी पर रखा गया। वहीं कैट की शरण में गए टीचर्स की कोई सुनवाई नहीं हुई।

जैम पोर्टल ने भी शिक्षा सचिव को नियम क्लियर करने से लेकर दोबारा ज्वाइनिंग के दिए थे निर्देश

शिक्षा विभाग में काट्रेक्टर को जैम पोर्टल के जरिये नियुक्त किया जा रहा है। जैम पोर्टल नियम के अनुसार टीचर्स की वेतन का 0.01 प्रतिशत कांट्रेक्टर को जारी होगा, लेकिन यह उसी समय जारी होगा जब वेतन जारी होगा। इस संबंध में जनवरी 2021 में जैम ने शिक्षा सचिव सरप्रीत सिंह गिल को नोटिस जारी किया जिसमें नियम क्लियर करने के साथ टीचर्स को दोबारा से बाहाली के निर्देश दिए, लेकिन एक साल बीतने के बावजूद टीचर्स आज भी इंसाफ के लिए भटक रहे हैं।

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