कॉलेज टीचर्स की रिटायरमेंट आयु सीमा बढ़ाने को लेकर दायर केस खारिज
पंजाब की तरह चंडीगढ़ में भी काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा घटाकर 58 करने पर किया केस खारिज।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब की तरह चंडीगढ़ में भी काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा घटाकर 58 करने पर शहर के दो कॉलेजों के कुछ टीचर्स ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी। कैट के नोटिस के बाद प्रतिवादी पक्ष ने भी अपना जवाब दायर कर दिया था, जिसके बाद कैट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब करीब एक महीने बाद कैट ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ताओं की मांग को खारिज कर दिया है। कैट में केस दायर करने वालों में सेक्टर दस स्थित गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ. जोगिदरपाल सिंह, फिजिकल एजुकेशन विभाग के डॉयरेक्टर केएस साही, एसोसिएट प्रोफेसर अलका जैन, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार शर्मा और सेक्टर-12 स्थित चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के एसोसिएट प्रोफेसर भीमसेन मल्होत्रा ने उक्त कॅालेजों के प्रिसिपल, चंडीगढ़ प्रशासन, टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट, ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) सहित कुल सात विभागों के खिलाफ केस दायर किया था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील अर्जुन प्रताप राम ने बताया कि पंजाब की तरह चंडीगढ़ ने भी बीते दिनों अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा 60 से घटाकर 58 कर दी थी। बताया कि चंडीगढ़ एक यूटी है और यहां के सभी कॉलेज भी केंद्र सरकार के अधीन है। इन कॉलेजों को केंद्र सरकार से फंडिग भी होती है। केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया था कि टेक्निकल कॉलेजों में काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा एआइसीटीई के नियमों के मुताबिक होगी, जिसमें रिटायरमेंट आयु सीमा 65 वर्ष का प्रावधान है। लेकिन पंजाब सरकार ने बीते दिनों अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा 58 कर दी थी, जिसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने भी अपने यहां पर यह नियम लागू कर दिया। उन्हें 58 वर्ष की उम्र में ही रिटायरमेंट दी जा रही है। प्रतिवादी पक्ष ने दिया ये जवाब
वहीं प्रतिवादी पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील केके ठाकुर ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि पहले जब पंजाब ने आयु सीमा 58 से बढ़ाकर 60 की थी तब भी यूटी ने पंजाब नियमों को अपनाकर अपने यहां पर लागू किया था और अब जब पंजाब ने आयु सीमा कम की है तो वह भी उन्होंने अपनाई है। एआइसीटीई के नियमों के तहत उन्हें लाभ मिलता है जो संस्थान केंद्र सरकार के अधीन हो, लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी केंद्र सरकार के अधीन नहीं है। इसलिए नियमों के मुताबिक यहां पर पंजाब के नियम लागू किया जा सकते हैं।