कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर यहां से खेल सकते हैं सियासी पारी, सक्रियता बढ़ाई
कांग्रेस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को चुनाव लड़ाने के मूड में है। रणइंदर सिंह ने मानसा हलके में लोगों से मेलजोल बढ़ाना शुरू कर दिया है।
चंडीगढ़ [जय सिंह छिब्बर]। आम आदमी पार्टी को अलविदा कहने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले मानसा के विधायक नाजर सिंह मानशाहिया का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। यदि उनका इस्तीफा स्वीकार होने के बाद मानसा में उपचुनाव होते हैं तो नाजर सिंह मानशाहिया को कांग्रेस टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि स्थानीय कांग्रेसी नेता मानशाहिया का खुलेआम विरोध कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को यहां से चुनाव लड़ाने के मूड में है।
रणइंदर सिंह ने मानसा हलके में लोगों से मेलजोल बढ़ाना शुरू कर दिया है। उनकी सरगर्मियों से स्पष्ट हो गया है कि यदि मानसा में उपचुनाव होता है, तो रणइंदर सिंह कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। राजनीतिक माहिरों का मानना है कि रणइंदर सिंह की तरफ से मानसा के गांव में सरकारी गौशाला और हरे चारे के लिए 15 लाख रुपये की सहायता देने का एलान करना इस बात की गवाही देता है कि कांग्रेस उनको उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रही है।
सूत्रों के अनुसार 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मनोज बाला और उनके पति ने कांग्रेस लीडरशिप को स्पष्ट कह दिया है कि यदि पार्टी ने नाजर सिंह मानशाहिया को टिकट देती है तो वह विरोध करेंगे। 2017 केे चुनाव में मनोज बाला को 50117 वोट मिले थे, जबकि नाजर सिंह मानशाहिया को 70,586 वोट मिले थे।
जिला प्रशासन की बैठक में मनोज बाला की जगह नाजर सिंह मानशाहिया को तवज्जो देने का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया था। मनोज बाला के परिवार ने यहां तक कह दिया था कि यदि उपचुनाव होने पर मुख्यमंत्री के परिवार का कोई मेंबर चुनाव लड़ता है, तो वह मदद करेंगे, लेकिन यदि कांग्रेस ने नाजर सिंह मानशाहिया को टिकट दी तो वह विरोध करेंगे।
समझौते की कोशिश नाकाम
गौरतलब है कि नाजर सिंह मानशाहिया और मनोज बाला के परिवार में पैदा हुई कड़वाहट को दूर करने के लिए ग्रामीण विकास पर पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने दोनों नेताओं में समझौता करवाने का प्रयास भी किया था। मानशाहिया कैबिनेट मंत्री बाजवा के करीबी हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान मानशाहिया 25 अप्रैल को आप का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। मानशाहिया के बाद रोपड़ से आप के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ ने भी कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था। वहीं, मानशाहिया ने टिकट मिलने या न मिलने पर भविष्य में चुनाव लड़ने के सवाल पर कोई भी कमेंट करने से मना कर दिया।
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