पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी बोले- कैप्टन अमरिंदर भले डर गए हों, मुझे सरकार गिरने का भय नहीं
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने शासनकाल में भले डर गए हों लेकिन मुझे अपनी सरकार गिरने का भय नहींं है। हम कृषि कानूनों को रद करने के बदले इसमें संशोधन का बिल विधानसभा में लाएंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बात से पर्दा हटाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सरकार गिर जाने के डर से विधानसभा सत्र में तीन कृषि सुधार कानूनों को रद नहीं किया था। तब अफसरों ने राज्य सरकार के गिर जाने की बात कहकर उन्हें डरा दिया था। चन्नी ने यह भी कहा कि उन्हें सरकार गिरने का डर नहीं है और वह हर हाल में तीनों कृषि सुधार कानूनों को रद करेंगे। मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन पर यह बात संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलवीर सिंह राजेवाल से कही।
कृषि सुधार कानूनों को रद करने के बजाय संशोधन बिल लाया गया
दरअसल, शनिवार को किसान यूनियन का एक शिष्टमंडल ने चीनी मिलों को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को उनके सरकारी आवास पर मिलने आया था। इसी दौरान एक किसान नेता ने फोन पर मुख्यमंत्री चन्नी की भाकियू नेता बलबीर सिंह राजेवाल से करवाई। हालांकि राजेवाल ने चन्नी से क्या कहा इसका विवरण नहीं मिल पाया है।
अफसरों ने दिखाया था केंद्र की ओर से राज्य सरकार को तोड़ने का डर
मुख्यमंत्री चन्नी ने बलवीर सिंह राजेवाल से कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र में तीनों कृषि कानून रद किए जाएंगे। वह पहले भी इन कानूनों को रद ही करवाना चाहते तो लेकिन तब अफसरों ने डरा दिया कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को तोड़ दिया जाएगा। चन्नी ने कहा कि मुझे सरकार टूटने का कोई डर नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा जो लिखकर देगा वह वैसे ही पास कर दिया जाएगा। कोई नुक्ता या बंदी भी नहीं बदली जाएगी। उन्होंने राजेवाल को आठ नवंबर से पहले अपने सुझाव देने के लिए कहा ताकि कृषि कानून रद किए जा सकें। चन्नी ने किसान नेताओं को चीनी मिलों का मामला भी जल्द हल हल करने का भरोसा दिया।
झूठे वादों से किसानों को गुमराह न करें चन्नी: कैप्टन
मुख्यमंत्री चन्नी के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर आपत्ति जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे रवीन ठुकराल के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कैप्टन ने कहा कि मेरी सरकार ने यह सब कुछ किया था। हमने कृषि कानूनों किसान नेताओं से बात की और विधानसभा में भी अपने संशोधन कानून पारित किए। लेकिन राज्यपाल ने इन बिलों को रोक लिया और वह किसी बिल को अपने पास रोक सकते हैं। उन्होंने चन्नी से कहा कि झूठे वादों से किसानों को गुमराह न करें।