कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूछा सवाल, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी का खर्च कौन उठा रहा, सरकार या पार्टी?

पंजाब में अब कैप्टन अमरिंदर सिंह व कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी आमने-सामने हैं। चौधरी ने कैप्टन पर सवाल उठाए तो अमरिंदर सिंह ने इसका जवाब दिया। साथ ही पूछा चौधरी का खर्च कौन वहन कर रहा है पार्टी या सरकार?

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 07:03 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 07:03 PM (IST)
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूछा सवाल, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी का खर्च कौन उठा रहा, सरकार या पार्टी?
कैप्टन अमरिंदर सिंह व हरीश चौधरी की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी को अयोग्य विधायक करार दिया। कहा कि चौधरी कांग्रेस के अयोग्य विधायक हैं। वह बाड़मेर में कमलेश प्रजापत हत्या मामले में आरोपित हैं। इसी कारण चौधरी को राजस्थान मंत्रिमंडल से हटाया गया। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कमलेश प्रजापत हत्या का मामला सीबीआइ को भेजा है।

दरअसल, हरीश चौधरी ने आरोप लगाया था कि सीएम रहते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा व पीएम नरेन्द्र मोदी से मिले हुए थे। कैप्टन ने इस आरोप के जवाब में कहा कि यदि वह मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री या भाजपा के साथ कोई गठबंधन करते तो वह किसान आंदोलन का समर्थन कभी नहीं करते और न ही वह कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते। उन्होंने तो विधानसभा में इन्हें निरस्त किया था। 

कैप्टन ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के रूप में उन्हें प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मिलना पड़ता था। इसी तरह उनके मंत्री भी अपने केंद्रीय समकक्षों से मिलते थे। कैप्टन ने चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आपका नया मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिल भी जाए तो आपके मूर्खतापूर्ण तर्क के अनुसार तो उन्हें भी भाजपा से समझौता कर लेना चाहिए और खुद को बर्खास्त करने का इंतजार करना चाहिए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह पहला मौका है जब किसी पार्टी प्रभारी ने प्रदेश को अपना गढ़ बनाया है। उन्होंने कहा, "मैंने प्रणब मुखर्जी, मोहसिना किदवई, जनार्धन द्विवेदी जैसे 14 पार्टी प्रभारियों के साथ काम किया है और वे शायद ही कभी पंजाब में हस्तक्षेप करते थे।" पंजाब आना या यहां बसना बाद की बात है। कैप्टन ने याद दिलाया कि एक पार्टी प्रभारी को राज्य में ही बसने की जरूरत नहीं है। उनका काम केवल पार्टी आलाकमान से समन्वय कराना व फीडबैक देना है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में एक मंत्री के बंगले और पूरे पंजाब भवन को हरीश चौधरी द्वारा अपने कब्जे में लेने पर भी सवाल उठाया। कहा कि वहां बैठकर चौधरी मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों और अधिकारियों को आदेश देते हैं। कैप्टन ने सवाल किया कि चौधरी का खर्च कौन उठा रहा है। सरकार या पार्टी?

chat bot
आपका साथी