दिल्ली जाने से पहले विधायकों के बेटों को नौकरी देने के मामले में घिरे पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह, हाई कोर्ट पहुंचा मामला
Punjab Congress Politics पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह लगातार बढ़ता जा रहा है। विधायकों के बेटों को नौकरी देने के मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनों से ही घिरते नजर आ रहे हैं। वहीं सरकार के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में राजनीति पहले से ही गरमाई हुई थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अब अपने विरोधियों को एक मुद्दा और दे दिया है। आज खड़के कमेटी से मुलाकात करने जा रहे कैप्टन अमरिदर सिंह अब विधायकों को बेटों को नौकरी देने के मामले में अपनों से ही घिरते नजर आ रहे हैं। वहीं, कैप्टन सरकार के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई है।
जनहित याचिका में मांग की गई है कि विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को सरकारी नौकरी देने के फैसले रद किया जाए। एडवोकेट विक्रमजीत बाजवा ने सोमवार को जनहित याचिका दायर कर कहा कि पंजाब में हजारों युवा सरकारी नौकरी की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन सरकार उन्हें छोड़कर सिर्फ अपने चहेतों को ही सरकारी नौकरी देने में लगी है।
हाई कोर्ट को यह भी बताया गया कि देश के कई शहीदों के बच्चे सरकारी नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें सरकार ने कहा कि उनके पास ग्रुप-सी और डी की पोस्ट नहीं है, लेकिन अपने चाहते विधायकों के बच्चों को यह नौकरी दी जा रही है। इसके साथ ही हाई कोर्ट से यह मांग भी गई गई है कि इस मामले में सरकार को एक पलिसी बनाए जाने के आदेश भी दिए जाएं। हई कोर्ट की ओर से जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है।
पिता की शहादत को देखते हुए न दिलाएं अपने बेटे को नौकरी
इंटरनेट मीडिया, पार्टी और विपक्ष की ओर से विधायकों के बेटों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने पर कैप्टन सरकार की फजीहत हो रही है। इसी बीच राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने अपने भाई फतेहजंग बाजवा और विधायक राकेश पांडे से अपील की है कि वे कैबिनेट की ओर से उनके बच्चों को दी जा रही नौकरी का आफर लौटा दें।
काबिलेगौर है कि विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे अर्जुन बाजवा और विधायक राकेश पांडे के बेटे भीष्म पांडे को क्रमश: इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार लगाने को मंजूरी दी थी। इस फैसले का न केवल कैबिनेट में पांच मंत्रियों ने विरोध किया बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और पार्टी प्रधान सुनील जाखड़ ने भी विरोध किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि फैसले को वापस लिया जाए। हालांकि इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले इस फैसले को सही बताया बाद में उनके समर्थन में कुछ सांसद और विधायक भी आ गए, लेकिन इंटरनेट मीडिया पर फजीहत जारी रही। इसी को देखते हुए सोमवार को राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने बयान जारी किया है।
इंस्पेक्टर की नौकरी पाने वाले अर्जुन बाजवा प्रताप सिंह बाजवा के भतीजे हैं। बाजवा ने कहा कि उनके पिता सतनाम सिंह बाजवा और राकेश पांडे के पिता व पूर्व मंत्री जोगिंदर पाल पांडे आम लोगों के नेता रहे हैं। पंजाब में आंतकवाद के दौर में राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए उन्होंने जान दी। कांग्रेस के आदर्श और झंडे को वह अंत तक थामे रहे। बाजवा ने फतेहजंग बाजवा और राकेश पांडे से अपील की है कि दोनों नेताओं की लंबी विरासत को देखते हुए पंजाब कैबिनेट से अपने स्वजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का प्रस्ताव स्वेच्छा से छोड़ दें। उन्होंने कहा कि दिवंगत नेताओं को सम्मान देने का यह सबसे अच्छा तरीका होगा।