कैप्टन बोले- Citizenship amendment bil पर घटिया राजनीति कर रहे सुखबीर, U turn लेने पर मांगा जवाब

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि Citizenship amendment bill 2019 पर सुखबीर बादल घटिया राजनीति कर रहे हैैं। उन्होंने मामले पर यू टर्न लेने पर सुखबीर से सवाल किया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 11:39 AM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 08:51 AM (IST)
कैप्टन बोले- Citizenship amendment bil पर घटिया राजनीति कर रहे सुखबीर, U turn लेने पर मांगा जवाब
कैप्टन बोले- Citizenship amendment bil पर घटिया राजनीति कर रहे सुखबीर, U turn लेने पर मांगा जवाब

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment bill 2019) पर घटिया राजनीति कर रहे हैैं। सुखबीर ने कैप्टन से सवाल किया था कि क्या वह अफगानिस्तान से विस्थापित सिखों को भारतीय नागरिकता मिलने के हक में नहीं हैैं?

कैप्टन ने कहा कि ऐसा लगता है सुखबीर संवैधानिक व नैतिक मूल्यों की रक्षा करने के बजाय घटिया राजनीति करने में ज्यादा रुचि रखते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या सुखबीर अपने संकुचित राजनीतिक हितों की ख़ातिर मुल्क के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को तबाह करने पर तुले हुए हैैं? अफगानिस्तान से आए सिखों को नागरिकता के सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा कि यह मसला इस समय पर किसी ख़ास भाईचारे को नागरिकता देने या न देने का नहीं है। यह केंद्र सरकार द्वारा संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की खतरनाक कोशिश के साथ जुड़ा है और इसमें अकाली दल भी हिस्सेदार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या अकाली दल ने इस बिल संबंधी अपनी प्रतिक्रिया में यह नहीं कहा था कि इस संशोधन बिल का लाभ मुसलमानों को भी दिया जाना चाहिए? इस मसले पर यू-टर्न लिए जाने पर अकाली दल को जवाब देना चाहिए। कैप्टन ने कहा कि हम एक सैनिक की वफादारी और देशभक्ति पर कैसे सवाल कर सकते हैं जो अपने मुल्क के लिए लड़ा हो और हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली हो। 

बता दें, कैप्टन पहले ही कह चुके हैं कि वह राज्य में Citizenship amendment bill 2019 को लागू होने नहीं देंगे। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन को असंवैधानिक करार दिया है। वहीं, भले ही संसद में अकाली दल नेे बिल का समर्थन किया हो, लेकिन बाद में सुखबीर ने कहा था कि इसमें मुसलमानों को भी शामिल किया जाना चाहिए। 

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