Chandigarh MC Poll: कौन कहां से लड़ेगा चुनाव अभी स्पष्ट नहीं, प्रशासन तय नहीं कर पा रहा वार्ड का आरक्षण

Chandigarh MC Poll दिसंबर माह में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड संख्या 26 से बढ़कर 35 हो गई है लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किस वर्ग का उम्मीदवार कहां से चुनाव लड़ेगा। राजनीतिक दल जल्द स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 08:57 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 08:57 AM (IST)
Chandigarh MC Poll: कौन कहां से लड़ेगा चुनाव अभी स्पष्ट नहीं, प्रशासन तय नहीं कर पा रहा वार्ड का आरक्षण
नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवाराें में असमंजस। (फाइल फाेटाे)

चंडीगढ़, जेएनएन। Chandigarh MC Poll: दिसंबर माह में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड संख्या 26 से बढ़कर 35 हो गई है लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किस वर्ग का उम्मीदवार कहां से चुनाव लड़ेगा। एक एक दावेदार अपने दल से एक से ज्यादा सीटों पर टिकट मांग रहा है और दावेदार दो से चार एरिया के लोगों को संपर्क कर रहा है। इसका कारण यह है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सा वार्ड महिला के लिए रिजर्व होगा कौन सा वार्ड महिला और कौन सा वार्ड जनरल होगा जबकि प्रशासन ने नए सिरे से वार्डबंदी भी कर चुका है।

इस स्थिति में राजनीतिक दल जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे है ताकि सही दिशा में प्रचार शुरू हो सके। राजनीतिक दलों की इस मांग का समर्थन करते हुए पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने प्रशासक को पत्र लिखा है।इसके लिए प्रशासन को महिला और एससी वार्ड तय करने के लिए ड्रा निकालना होगा।जबकि छह आरक्षित और छह महिला के लिए वार्ड तय होगा।

जैन ने मांग की है कि दिसंबर माह में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिये वार्डो की विभिन्न क्षेणियों के लियए प्रावधान करके इसे तुरन्त प्रकाशित किया जाए कि कौन सा वार्ड किस श्रेणी के लिए आरक्षित है। जैन ने कहा कि हालांकि वार्डो की संख्या 26 से बढ़ाकर 35 कर दी गई लेकिन चुने हुये पार्षद तो अभी तक 26 ही हैं। इस कारण शहर में अनिश्चितता का माहौल है तथा शहर के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

जैन ने कहा कि वार्डो की आरक्षण सम्बंधी सही स्थिति की जानकारी होने के बाद जहां सभी पार्टियों को ये सोचने का मौका मिलेगा कि कौन सा वार्ड किस श्रेणी के लिये आरक्षित है तथा वहां पर किसे उम्मीदवार बनाया जाए, वहीं उम्मीदवारों को भी लगभग छह माह का समय मिल जाएगा कि किस वार्ड से चुनाव लड़ना चाहते हैं या लड़ सकते हैं। जैन ने कहा कि यदि वार्डो के आरक्षण का काम राज्य चुनाव आयोग ने भी करना है तब भी चंडीगढ़ प्रशासन को पहल करके इसे जल्द से जल्द करवाना चाहिये ताकि शहर में नगर निगम चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल समाप्त हो सके तथा लोग भी आने वाले चुनाव में अपने प्रतिनिधि के बारे में समय रहते और अधिक चिंतन कर सकें।

नई वार्डबंदी से किसी को फायदा तो किसी का बिगड़ा राजनीतिक गणित

छह महीने पहले वार्डो की संख्या 26 से बढ़ाकर 35 कर दी गई है। लेकिन अब तक यह तय नहीं किया कि कौन सा वार्ड किस श्रेणी के लिए आरक्षित होगा, जबकि नगर निगम चुनाव को मुश्किल से पांच से छह माह बचे हैं।प्रशासन की ओर से नए सिरे की गई वार्डबंदी से कई नेताओं और चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों का राजनीतिक गणित बिगड़ गया है।कांग्रेस प्रवक्ता सतीश कैंथ का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द ड्रा निकालकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए इससे राजनीतिक दलों के साथ साथ दावेदारों को फायदा होगा।

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