मोहाली आरटीए ऑफिस में वाहनों की आरसी और लाइसेंस बनाने का गोरखधंधा, विजिलेंस की रडार पर कई कर्मचारी
मोहाली के आरटीए कार्यालय में पैसे लेकर वाहनों की आरसी और किसी का भी लाइसेंस बनाने का जो गोरखधंधा चल रहा है उस पर अब विजिलेंस की नजर है। पुलिस ने चार एजेंटों को पकड़ा है जिन्होंने इस बात का खुलासा किया है।
जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली के सेक्टर-76 स्थित आरटीए दफ्तर पर अब पंजाब विजिलेंस ब्यूरो और जिला पुलिस की पैनी नजर है। दोनों ही विभागों के रडार पर आरटीए के कई कर्मचारी हैं। जो आम लोगों से आरसी और लाइसेंस बनाने का काम तुरंत करवाने के नाम पर मोटी रकम ले रहे हैं। इस बात का खुलासा मोहाली पुलिस द्वारा बीते दिनों गिरफ्तार किए गए चार एजेंटों से पूछताछ में किया है। आरोपितों ने कुछ कर्मचारियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं।
ध्यान रहे कि बीते मंगलवार को मोहाली पुलिस ने चार आरोपितों तरनजीत सिंह, मनीश कुमार, हरजिंदर सिह और यशपाल शर्मा को गिरफ्तार किया था। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि विभाग के स्थायी और अस्थायी कर्मचारी उनके जरिये पैसे लेकर वाहनों कीआरसी और किसी का भी लाइसेंस बनवाते थे। यह धंधा कई सालों से चल रहा था। डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के पास चल रहे आरटीए दफ्तर में ऐसे में भी मुलाजिम रखे गए हैं, जो कि विभाग के पक्के मुलाजिम नहीं हैं।
अभ पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि अस्थायी मुलाजिमों को आरटीए दफ्तर से जो महीने की सैलरी दी जाती थी, कहां से दी जाती है। जांच अधिकारियों का कहना है कि जैसे लोगों में चंडीगढ़ के नंबर को लेकर क्रेज है। वैसे ही पंजाब के लोगों में मोहाली का नंबर अपनी गाड़ियों पर लगाने का क्रेज है। इसके लिए लोग मोटे पैसे खर्च करते हैं। भले ही यह काम विभाग ऑनलाइन करता है, लेकिन पता चला है कि विभाग के मुुलाजिम इसमें भी अहम भूमिका निभाते हैं। वाहन के लिए पसंद का नंबर लेना हो, लाइसेंस या गाड़ी ट्रांसफर करनी हो यह सब कर्मचारियों के हाथ में था। एक एजेंट दिन में करीब पचास रुपये तक की राशि बटोर लेता है। इसके अलावा आरटीए से जुड़े कई अन्य काम भी उक्त आरोपित करते हैं। मोहाली के एसएसपी सतिंदर सिंह ने कहा कि इस मामले में पुलिस की टीम जांच कर रही है जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।